ग्रेटर नोएडा। सूरजपुर स्थित विकास भवन से विजिलेंस मेरठ की टीम ने ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के प्रधान लिपिक चंद्रपाल सिंह को सात हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आरोपित पर हुई कार्रवाई के बाद मंगलवार सुबह विकास भवन में हलचल मच गई। सरकारी कर्मचारी अपने-अपने कमरों से बाहर निकल कर कार्रवाई को देखने लगे।
पंजीकरण के लिए मांगी रिश्वत
विजिलेंस की टीम प्रधान लिपिक को लेकर सूरजपुर कोतवाली पहुंची और केस दर्ज कराया। एसपी विजिलेंस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी कि उसने ई श्रेणी में ठेकेदारी में पंजीकरण हेतु आवेदन किया। प्रधान लिपिक उससे रिश्वत मांगने लगा। मना करने पर पंजीकरण करने से मना कर दिया।
पीड़ित ने मामले की शिकायत विजिलेंस टीम मेरठ से की। टीम ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई का जाल बिछाया। मंगलवार सुबह पीड़ित प्रधान लिपिक चंद्रपाल के पास रिश्वत की रकम लेकर पहुंचा। जैसे ही पीड़ित ने प्रधान लिपिक को रिश्वत दी, तुरंत विजिलेंस की टीम ने मौके पर पहुंच कर चंद्रपाल को रंगेहाथ पकड़ लिया।
विरोध नहीं आया काम
उसके कब्जे से रिश्वत की रकम बरामद की गई। टीम उसको पकड़ कर सूरजपुर कोतवाली ले आई। टीम ने जब प्रधान लिपिक को पकड़ा तो उसने विरोध जताकर भागने की कोशिश की, लेकिन विरोध कोई काम नहीं आया। टीम ने चंद्रपाल को चारों तरफ से घेर रखा था। मामला बढ़ता देखकर पुलिस को भी मौके पर बुला लिया गया।