गाजियाबाद। पीएम आवास योजना में सस्ते फ्लैट और नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मी के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से रिश्तेदार ने 35 लाख रुपये ठग लिए। छह माह तक पुलिस कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद थाना सिहानी गेट में पुलिस ने नासिपुर के पवन कुमार भास्कर, उसके भाई सचिन, चाचा राजेश व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
मेरठ के टीपीनगर में रहने वाले धर्मवीर सिंह ने बताया कि उनका ससुराल नासिरपुर में है और पवन रिश्ते में उनकी पत्नी का भतीजा लगता है। पवन खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताता था। दिसंबर 2021 में उनके अपनी बहन की शादी का कार्ड देने घर आया और कहा कि उसकी अधिकारियों से अच्छी जानकारी है।
गाजियाबाद में पीएम आवास योजना के फ्लैट बने हैं। 14.50 लाख रुपये में फ्लैट मिल जाएगा। उनके व पत्नी के नाम से फार्म भरवाया 41 हजार रुपये अपने खाते में जमा करा लिए। इसके बाद सत्यापन, नोटेरी समेत तमाम खर्च के नाम पर 24 लाख रुपये ले लिए। उनके बेटे की नौकरी लगवाने का झांसा दिया और इसके लिए 11 लाख ले लिए। यह रकम जनवरी 2022 से सितंबर 2022 तक ली।
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फ्लैट के लिए जिलाधिकारी कार्यालय और नौकरी के लिए नगर निगम से सत्यापन के नाम पर फर्जी लोगों से काल भी कराई। अंत तक आरोपित फ्लैट दिलाने और नौकरी के एवज में लिए पैसे लौटाने का झांसा देता रहा। नवंबर 2022 में उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। एंटी फ्राड सेल की जांच के बाद केस दर्ज किया गया। एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह का कहना है कि छानबीन कर आगे की कार्रवाई करेंगे।
मकान बिका, खाने के भी लाले
धर्मवीर गाजियाबाद की एक कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने रिश्तेदार होने के कारण पवन पर भरोसा कर अपना मकान गिरवी रखकर उसे पैसे दिए थे। इसके अलावा कंपनी समेत कई करीबियों से पैसा लिया था। उनका कहना है कि ठगी करीब 50 लाख रुपये की हुई है। 15 लाख रुपये नकद दिए थे।
पीड़ित को अपना मकान भी बेचना पड़ा। अब किराये पर रह रहे हैं। पूरा वेतन कर्ज उतारने में चला जाता है। तीन माह से मकान का किराया नहीं दे पाए और अब खाने के भी लाले पड़ रहे हैं।