नई दिल्ली। मुखर्जी नगर इलाके में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में लॉ की अंतिम वर्ष की छात्रा का शव कमरे में पंखे से झूलता हुआ मिला। छात्रा पीजी में रहती थीं। घटना को पुलिस प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या मान रही है। हालांकि, छात्रा के पिता ने बेटी को किसी के द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने या फिर हत्या कर घटना को आत्महत्या का रूप दिये जाने की आशंका जताई है। पुलिस ने शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम जगजीवन राम अस्पताल में कराने के बाद स्वजन को सौंप दिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है।
बिहार के भागलपुर की रहने वाली थी छात्रा
जानकारी के अनुसार, अभिलाषा परमार मूल रूप से बिहार की भागलपुर की रहने वाली थी। उनके माता पिता गाजियबाद के खोड़ा गांव में रहते हैं। अभिलाषा के पिता चंद्रशेखर नोएड़ा की एक कंपनी में करते हैं। उन्होंने बताया कि अभिलाषा डीयू में लॉ की अंतिम वर्ष की छात्रा थी और आट्रम लेन में पीजी में रहती थीं। वह सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं।
पीजी मालिक ने फोन कर दी आत्महत्या की सूचना
शुक्रवार को उन्हें पीजी के मालिक वीरपाल ने फोन कर बताया कि उनकी बेटी ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली है और कमरा अंदर से बंद है। दोपहर में जब वह पहुंचे तो कमरा खुला हुआ था और उनकी बेटी बेडसीट के फंदे से पंखे से झूल रही थी। उसे बाबू जगजीवन अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
दीवाली पर घर जाने वाली थी छात्रा
पोस्टमार्टम के बाद बेटी के शव को अंतिम संस्कार के लिए निगम बोध घाट ले जा रहे चंद्रशेखर ने बताया कि अभिलाषा से एक दिन पूर्व ही फोन पर बात हुई थी। बातचीत में दीवाली में घर आने की बात कही थीं। बातचीत के क्रम में ऐसा नहीं लग रहा था कि वह किसी तरह की परेशानी में है, जिससे वह आत्महत्या करने जैसा कदम उठा ले। उन्हें आशंका है कि उनकी बेटी की हत्या कर शव को पंखे से लटका दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार विसरा जांच रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता चलेगा। ऐसे में उस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।