प्रयागराज : करीब पांच दशक पहले की बात है। प्रयागराज (तब इलाहाबाद) के फिरोज तांगेवाले का बेटा अतीक। मात्र 17 साल की आयु में हत्या का आरोप लगा और शुरू हो गया जरायम का सफर। रंगदारी का धंधा भी चल निकला। पांच वर्ष में ही अतीक ने अपराध की दुनिया में पहचान मजबूत कर ली। तब के बड़े अपराधी चांद बाबा से खुन्नस रखने वाले रसूखदार लोगों ने अतीक को शह देनी शुरू कर दी।
चांद बाबा के गिरोह पर पड़ा भारी
अतीक अब गिरोहवाला अपराधी बन चुका था। चांद बाबा के गिरोह पर भारी पड़ने लगा। अपराध की दुनिया में ताकत और दौलत कमाने के बाद अतीक अहमद ने खादी पहन ली। हालांकि अन्य बाहुबलियों की तरह उसने खादी पहनने के बाद भी अपराध का साथ नहीं छोड़ा और यही उसे अंत में भारी पड़ा। हत्या, अपहरण, फिरौती के मामलों में मुकदमे दर मुकदमे दर्ज होते रहे, लेकिन वह बेखौफ घूमता रहा।
जब पहली बार लड़ा चुनाव
बात 1989 की है। एक साल जेल में रहने के बाद बाहर आए अतीक ने इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से निर्दलीय पर्चा भरा। सामने कुख्यात चांद बाबा था, लेकिन धनबल बाहुबल से जीत अतीक की ही हुई। अतीक के विधायक बनने के कुछ माह बाद चांद बाबा की हत्या हो गई। हालात यह हो गए कि कोई अतीक के सामने चुनाव में खड़ा होने की हिम्मत नहीं करता था।
बनता रहा विधायक
अतीक ने निर्दलीय 1991 और 1993 में विधायकी का चुनाव जीता। वर्ष 1996 में सपा के टिकट पर चौथी बार विधायक बन गया। इसके अगले चुनाव में अताीक ने पार्टी और सीट बदली, लेकिन जीत नहीं सका। तब वह प्रतापगढ़ से अपना दल के टिकट पर लड़ा था।
2002 में पांचवी बार लड़ा चुनाव
वर्ष 2002 में पुरानी सीट पर लौटा और अपना दल के टिकट पर पांचवीं बार उप्र विधानसभा पहुंचा। अतीक का नया शौक हो चुका था, महंगी विदेशी गाड़ियां और हथियार। उसकी राह में मुश्किल पैदा करने वाले ठिकाने लगते रहे। यही गुरूर अंत तक ले गया।
राजू पाल की हत्या के 12 साल बाद जांच के आदेश
राजू पाल की हत्या के 12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए। सीबीआइ ने अतीक और अशरफ समेत 18 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। उमेश की मजबूत पैरवी पर हाई कोर्ट ने दो महीने में राजू पाल हत्याकांड का ट्रायल पूरा करने का आदेश पिछले दिनों दिया था।
24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या
ट्रायल शुरू होने से पहले ही बीती 24 फरवरी को उमेश पाल का कत्ल कर दिया गया। साबरमती से प्रयागराज पांच वर्ष से अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद रहे अतीक व बरेली जेल में बंद उसके छोटे भाई अशरफ को उमेश पाल अपहरण मामले में 27 मार्च को अदालत में पेशी के लिए प्रयागराज लाया गया।
13 अप्रैल को हुआ बेटे का एनकाउंटर
28 मार्च को पहली बार 100 से अधिक मुकदमों के आरोपित अतीक को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इसके बाद 11 अप्रैल को उसे फिर प्रयागराज लाया गया और इसी दौरान 13 अप्रैल को उसके बेटे असद का एनकाउंटर हो गया। इसी के दो दिन बाद प्रयागराज में एक अस्पताल के बाहर अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के आरोप से शुरू जरायम का सफर अतीक की हत्या पर खत्म हो गया।
बसपा विधायक राजू पाल की हत्या
बसपा विधायक राजू और अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज के सुलेमसराय में तत्कालीन बसपा विधायक (इलाहाबाद पश्चिमी) राजू पाल की दिनदहाड़े गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत नौ लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट लिखाई थी।
उमेश पाल का अपहरण
हत्यारे अस्पताल तक राजू पाल पर गोलियां बरसाते रहे थे। इस मामले की पैरवी अधिवक्ता उमेश पाल कर रहे थे। वह मामले में गवाह भी थे। उन्हें धमकाने के लिए अतीक द्वारा अपहरण का मामला भी सामने आया। उमेश पाल द्वारा राजू पाल हत्याकांड की पैरवी जिला कचहरी से लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक करने के कारण अतीक और गुर्गे खासे परेशान थे।