नई दिल्ली। कोरोना काल (Corona) में बिहार के मजदूरों को विमान से उनके घर भेजकर सुखिर्यों में आए अलीपुर इलाके के तिगीपुर गांव के किसान पप्पन सिंह गहलोत (Farmer Pappan Singh Gehlot) ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने सुसाइड नोट में बीमार रहने को आत्महत्या का कारण बताया है।
पुलिस ने उनके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जाता है कि वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। हालांकि, बीमारी के चलते उनके आत्महत्या कर लेने की बात लोगों के गले नहीं उतर रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मशरूम की करते थे खेती
पप्पन सिंह पेशे से एक किसान थे। वह मशरूम की खेती करते थे। कोरोना काल में जब देशभर में लॉकडाउन लगा तो कामगार पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े थे। ऐसे समय में पप्पन सिंह गहलोत चर्चा में आए थे। पप्पन सिंह ने लॉकडाउन के दौरान उनके मशरूम के खेतों में काम करने वाले मजदूरों को हवाई जहाज से बिहार भेजने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद वापस बुलाने का काम किया था।
शिवालय के पास मिला लटकता हुआ शव
बिहार के मजदूरों की मदद करने वाले किसान पप्पन सिंह का शव उनके घर के शिवालय के घंटे से लटका मिला। पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने बीमारी के चलते आत्महत्या करने की बात लिखी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं थाना अलीपुर पुलिस मामले की जांच में जुट गई।
हैंडराइटिंग की कराई जाएगी जांच
पप्पन सिंह के शव के पास मिले सुसाइड नोट को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस सुसाइड नोट और पप्पन सिंह की हैंडराइटिंग का मिलान करवाया जाएगा। स्थानीय लोगों का मानना है कि आत्महत्या की बात से इनकार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि हंसमुख प्रवृत्ति का व्यक्ति आत्महत्या कैसे कर सकता है। वह मजदूरों के साथ दोस्तों जैसा व्यवहार किया करते थे।