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“भारत यात्रा को इस रूप में नहीं देखा जाना चाहिए..”: पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो

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पाकिस्तान। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने अपने भारत दौरे को लेकर सफाई पेश की है। बिलावल ने कहा कि भारत में शंघाई सहयोग संगठन परिषद (एससीओ) की बैठक में उनकी भागीदारी एससीओ के चार्टर के प्रति इस्लामाबाद की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और इसे द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए।

द्विपक्षीय यात्रा के रूप में दौरे को न देखें

स्थानीय न्यूज पर गुरुवार को प्रसारित एक कार्यक्रममें पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह अगले महीने गोवा में होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। भुट्टो-जरदारी ने कहा, “हम एससीओ चार्टर के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस यात्रा को द्विपक्षीय यात्रा के रूप में नहीं, बल्कि एससीओ के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।”

एस जयशंकर ने कई पाकिस्तान समेत कई देशों को लिखा आमंत्रण पत्र

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भुट्टो-जरदारी गोवा में 4-5 मई को होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों (सीएफएम) की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने गुरुवार को एक साप्ताहिक प्रेस के दौरान कहा कि भुट्टो-जरदारी विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर एससीओ-सीएफएम बैठक में भाग ले रहे हैं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

प्रवक्ता ने कहा, “बैठक में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तान की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शा रही है। इसके साथ ही, पाकिस्तान द्वारा अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है।”

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12 सालों के बाद पाकिस्तानी मंत्री का भारत दौरा

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बिलावल भुट्टो लगभग 12 वर्षों के अंतराल के बाद भारत आने वाले पहले विदेश मंत्री होंगे। 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था। भारत ने आगामी विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए पाकिस्तान और चीन सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजा है। चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के भी बैठक में भाग लेने की संभावना है।

पाकिस्तान ने वार्ता के लिए भारत के सामने रखी शर्त

पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों के संबंध में दोनों देशों के बीच संबंध कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं, यहां तक ​​कि इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के लिए पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है।

ईरान को हाल ही में संगठन में किया शामिल

20 वर्षीय संगठन में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश – कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान एससीओ के सदस्य हैं। हाल ही में ईरान को भी इस संगठन का सदस्य बनाया गया है। भारतीय अध्यक्षता में पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में समूह की बैठक में भाग लेगा। शंघाई सहयोग संगठन की पिछली बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी।

पिछले साल पीएम मोदी हुए थे सम्मेलन में शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया। भारत ने पिछले साल सितंबर में 9-सदस्यीय मेगा ग्रुपिंग की अध्यक्षता संभाली थी और इस साल प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकें और शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। विशेष रूप से, इस वर्ष की एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत की जी20 अध्यक्षता के बढ़ने के मद्देनजर हो रही है।

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