हरदोई। लखनऊ मार्ग फल मंडी के पीछे स्थित हरीपुरवा में शुक्रवार की रात एक पुजारी ने अपना गला काटकर जान दे दी। वह मकान में अलग कमरे में रहते थे। पत्नी गईं तो उन्हें जानकारी हुई। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें मौत का किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
संजय द्विवेदी प्राइवेट नौकरी करते थे, लेकिन दो वर्ष से उन्होंने छोड़ दी और घर पर अपनी पत्नी अनीता और तीन पुत्र हिमांशू, अनुज व अभिषेक व एक पुत्री अंशू के साथ रहते थे। घर के ऊपर एक कमरे में उन्होंने मंदिर बनवा रखा था और उसी में ज्यादातर रहते। शुक्रवार की शाम भी वहीं पर थे, काफी देर तक कोई आहट न मिलने पर उनकी पत्नी ऊपर गईं तो कमरा बंद था।
जैसा कि पत्नी ने बताया कि उन्होंने अपने बड़े पुत्र को फोन कर बुलाया तो वह आया और दरवाजा तोड़ा तो उनका शव पड़ा मिला। गला कटा था और पास में ही एक कटर (लोहे की सरिया काटने वाला) पड़ा था। उन्होंने शोर मचाया तो अन्य लोग पहुंच गए।
संजय द्विवेदी के पास एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने सावन का माह है और महाकाल बुला रहे हैं लिखने के साथ ही किसी का दोष न होने की बात भी लिखी। सीओ सिटी विनोद द्विवेदी ने बताया कि सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया गया है और शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
प्रमोद की दुकान पर जमा है 3200 रुपये : संजय द्विवेदी ने पूरे होश में जान दी। उनके पास मिला सुसाइड नोट इसकी गवाही दे रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा कि 3200 रुपया प्रमोद की दुकान पर जमा हैं, ले लेना। सुसाइड नोट के अंत में उन्होंने तिथि भी लिखी, जिसमें माह गलत हो जाने पर उसे सही भी किया।