नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने केरल की एक महिला की ओर से बेटी को यमन में मौत की सजा से बचाने के लिए यमन जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने केंद्र के अधिवक्ता से दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। पीठ ने मामले को 16 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। केंद्र के अधिवक्ता ने निर्देश लेने और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए पीठ से कुछ समय मांगा है।
मां ने मांगी फ्री यात्रा की अनुमति
भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा प्रतिबंध के बावजूद अपनी बेटी निमिषा प्रिया को बचाने के लिए यमन की यात्रा करने की अनुमति देने के लिए याचिकाकर्ता प्रेमकुमारी ने कोर्ट से अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की।
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दवाई की ओवरडोज देकर मारने का है आरोप
याचिकाकर्ता ने उसकी बेटी को फांसी से बचाने के लिए राजनायिक हस्तक्षेप के साथ-साथ पीड़ित के परिजनों के साथ बातचीत कर उनको ब्लड मनी (मुआवजा) देने के लिए यमन जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। मूल रुप से भारत की रहने वाली निमिषा प्रिया यमन में नर्स का कार्य करती थी।
उन पर आरोप है कि उन्होंने येमिनी नागरिक तलाल अब्दो माहदी को दवाई की ओवरडोज देकर मार डाला। जिसके बाद वर्ष 2020 में उन्हें अब्दो की हत्या पर मौत की सजा सुनाई गई है।