बदायूं। वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव उरैना में 14 मई 2017 को बेटी और उसके प्रेमी की कुल्हाड़ी से काटकर नृशंस हत्या करने वाले माता-पिता व दोनों भाईयों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज अग्रवाल ने फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही चारों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसकी आधी धनराशि वादी पक्ष को देने के आदेाश दिए गए हैं।
वजीरगंज के गांव उरैना निवासी 25 वर्षीय गोविंद के पड़ोस में रहने वाली आशा से प्रेम संबंध थे। वह दोनों शादी करना चाहते थे, इसके चलते कई बार वह घर से जा चुके थे। लेकिन बाद में वापस आ जाते थे। विवाद के चलते गोविंद को उसके परिवार वालों ने काम के करने के लिए दिल्ली भेज दिया था।
इसके बाद दोनों परिवार के लोग और समाज के लोगों ने बैठकर तय किया कि बात एक ही बिरादरी की है तो शादी कर दी जाए। इसके बाद 14 मई 2017 को आशा के पिता किशनलाल ने गोविंद को फाेन करके बुलाया। गोविंद जब उनके घर गया तो आशा के पिता किशनलाल, भाई विजयपाल, रामवीर और मां जलधारा ने उसकी कुल्हाड़ी से काट हत्या कर दी थी।
विरोध करने पर बेटी आशा पर भी कुल्हाड़ी से वार किए और उसे भी मार डाला। इसके बाद बेटी के शव को घर के बाहर फेंक दिया था। यह गांव की एक महिला ने देख लिया तो उसने शोर मचा दिया। इसके बाद सूचना पुलिस को दी गई थी। लेकिन तब तक चारों आरोपित फरार हो गए थे।
गोविंद के पिता पप्पू राम ने इस मामले में चारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने दो दिन बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में जिला सत्र एवं न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई चल रही थी। एडीजीसी अनिल कुमार राठौर के अनुसार गुरुवार को जिला जज पंकज अग्रवाल ने इस मामले में चारों आरोपितों को दोषी करार दिया।
इसके बाद देर शाम चारों को फांसी की सजा सुनाई गई। इसके बाद से ही कोर्ट के बाहर सरगर्मियां तेज हो गईं। वजीरगंज पुलिस भी कोर्ट पहुंच गई। सजा सुनाए जाने के बाद सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया।