लाहौर। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तोशखाना मामले में अयोग्यता के संबंध में दलीलों की सुनवाई के लिए लाहौर हाई कोर्ट ने एक पीठ का गठन किया है। द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, जस्टिस भट्टी तीन जजों की बेंच का नेतृत्व करेंगे। इसमें जस्टिस आबिद अजीज शेख और जस्टिस साजिद महमूद सेठी सदस्य होंगे।
9 जनवरी को होगी इस मामले की सुनवाई
एलएचसी के मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद अमीर भट्टी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ 9 जनवरी को मामले की इस मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले, लाहौर हाई कोर्ट के एक जज ने प्रधान न्यायाधीश से तोशखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अयोग्यता के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए एक बड़ी पीठ गठित करने को कहा था।
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एक नागरिक ने दायर की थी याचिका
जज साजिद महमूद सेठी ने वकील अजहर सिद्दीकी के माध्यम से मियांवाली के एक नागरिक जाबिर अब्बास द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। आवेदक ने अपनी याचिका में कहा कि पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) एक अदालत नहीं है और यह सांसदों को अयोग्य नहीं ठहरा सकता है। यहां यह ध्यान देना चाहिए कि ईसीपी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को तोशखाना मामले में अपने फैसले में अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद 11 नवंबर को जस्टिस सेठी ने याचिकाओं पर एक बड़ी बेंच के गठन का प्रस्ताव दिया था।
बेचे थे चार तोहफे
इससे पहले 19 सितंबर को तोशखाना मामले की सुनवाई में इमरान खान के वकील अली जफर ने स्वीकार किया था कि उनके मुवक्किल ने 2018-19 के दौरान कम से कम चार तोहफे बेचे थे जो उन्हें मिले थे। वकील ने अपनी दलील में कहा, ’58 मिलियन रुपये के उपहार बेचे गए थे और उनकी रसीदें मेरे मुवक्किल द्वारा दायर आयकर रिटर्न के साथ संलग्न थीं।’
तोशखाना मामले के चलते गंवानी पड़ी गद्दी
इस बीच, अगस्त में, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने यह दावा करते हुए संदर्भ दायर किया कि खान ने केवल कुछ वस्तुओं के लिए भुगतान किया था जो वह ‘तोशखाना’ से घर ले गए थे। उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर सामान जो उन्होंने सरकारी खजाने से लिए, उनका भुगतान नहीं किया।
इसके अलावा इस संदर्भ में, यह भी आरोप लगाया गया था कि खान ने अपने द्वारा लिए गए उपहारों का खुलासा नहीं किया और अपने बयानों में जानकारी छिपाई। बता दें कि तोशखाना मामले को लेकर इमरान खान को अप्रैल, 2022 में अपनी पीएम की गद्दी गंवानी पड़ी।