legislature cancel: अब्दुल्ला आजम को विधायकी रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए अब्दुल्ला आजम की रिट खारिज दी है।
मालूम हो कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वार-टांडा विधान सभा सीट से सपा सांसद आजम खां के छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़े थे और चुनाव में भारी मतों से विजयी हुए थे। लेकिन उनका चुनाव में विवादों में आ गया था। दूसरे नबंर पर रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने आरोप लगाया था कि चुनाव के समय उनकी उम्र 25 वर्ष से कम थी और उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए फर्जी कागजात दाखिल किए, साथ में फर्जी हलफनामा भी दिया गया है। नवेद मियां द्वारा हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई थी।
जिस पर हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द करते हुए स्वार टाडा विधान सभा की सदस्यता खत्म कर दी थी। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अब्दुल्ला आजम खां ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर रखी थी। जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला की रिट याचिका खारिज कर दी। नवाब काजिम अली खां ने बुधवार को मीडिया को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी मुहैया करायी है। वहीं, उनके अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अब्दुल्ला आजम की रिट याचिका खारिज कर दी है।
legislature cancel: न्यायालय के फैसले पर भरोसा: आकाश
आजम व अब्दुल्ला पर कई मामलों में रिपोर्ट दर्ज कराने वाले भाजपा नेता आकाश सक्सेना हनी का कहना है कि हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जिस तरह से यह फैसला ऐतिहासिक आया है, वैसे ही और भी आएंगे। सत्य की हमेशा जीत होती है। जिस तरह से आजम खां ने लोगों का उत्पीड़न किया था और गरीब और बेसहारा लोगों को बेघर किया था, उसकी नतीजा उन्होंने भोगना पड़ता रहेगा।