नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के तकनीकी सदस्य आलोक श्रीवास्तव की बिना शर्त माफी स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही बंद कर दी। हालांकि शीर्ष अदालत ने फिनोलैक्स केबल्स के पूर्व कार्यकारी चेयरमैन दीपक छाबड़िया पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह पैसा उन्हें पीएम राहत कोष में जमा कराना होगा।
शीर्ष अदालत द्वारा एनसीएलएटी के आदेश को रद करने के बाद छाबड़िया को पद छोड़ना पड़ा था। इस बीच, शीर्ष अदालत को बताया गया, एनसीएलएटी के न्यायिक सदस्य राकेश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि तकनीकी सदस्य ने बिना शर्त माफी मांग ली है और कहा है कि इस मामले को और आगे नहीं ले जाना चाहते हैं।
शीर्ष अदालत ने माना कि एनसीएलएटी ने जानबूझकर शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना की है। पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी थे। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के न्यायिक सदस्य राकेश कुमार व तकनीकी सदस्य आलोक श्रीवास्तव से यह बताने को कहा था कि उसके आदेश का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। एनसीएलएटी के तकनीकी सदस्य की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी है। अन्य सदस्यों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कहा कि न्यायिक सदस्य का ट्रैक रिकार्ड पूरी तरह से बेदाग है।