Noida: अब नोएडा (Noida) में फ्लैट, भूखंड, दुकान आदि संपत्ति खरीदना सस्ता हो गया है। संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर लगने वाले हस्तांतरण शुल्क में कमी कर दी गई है। अब अलग-अलग तरह की संपत्ति पर 2.5 से लेकर पांच प्रतिशत तक शुल्क लगा करेगा। अभी तक यह पांच से 10 प्रतिशत था। इस निर्णय को शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी गई।
सेक्टर-6 कार्यालय में नोएडा (Noida) प्राधिकरण की 203वीं बोर्ड बैठक हुई। बोर्ड बैठक में 25 प्रस्ताव रखे गए। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण हस्तांतरण शुल्क कम करने को मंजूरी दे दी गई। अधिकारियों ने बताया कि आवासीय ग्रुप हाउसिंग के भूखंड/भवन, भूखंड व भवन के शुल्क को पांच से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है। हस्तांतरण शुल्क प्राधिकरण से पहली बार आवंटित संपत्ति पर नहीं लगता है। उस समय निबंधन विभाग में सिर्फ पांच प्रतिशत शुल्क स्टांप के रूप में देना पड़ता है। इसके बाद दूसरी बार संपत्ति की खरीद-फरोख्त होने पर प्राधिकरण में हस्तांतरण शुल्क लगना शुरू हो जाता है। इसके अलावा स्टांप का पांच प्रतिशत शुल्क अलग से देना पड़ता है। ऐसे में खरीदारों पर काफी आर्थिक बोझ पड़ जाता है।
शुल्क की गणना आसान :
श्रमिक कुंज के लिए 12 हजार रुपये, ईडब्लूएस व एलआईजी भवनों में वर्तमान दर का एक प्रतिशत व बाकी श्रेणी के भवनों के हस्तांतरण वर्तमान दर का 2.5 प्रतिशत लिया जाएगा। पहले आवासीय भवनों की हस्तांतरण शुल्क की गणना काफी जटिल होती थी। वर्ष 1990 तक के आवंटन शुल्क का 50 प्रतिशत वर्ष 1991 से 2000 तक भवनों में 20 प्रतिशत, वर्ष 2002 से 2010 तक 10 प्रतिशत और वर्ष 2011 के बाद भवनों में कुल आवंटन का पांच प्रतिशत होता था।
वाणिज्यिक भूखंडों में भी राहत :
श्रमिक कुंज के हस्तांतरण शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। वहीं, संस्थागत क्रियाशील भूखंडों के हस्तांतरण शुल्क को 10 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। यही नहीं, वाणिज्यिक निर्मित दकानों, क्योस्क का हस्तांतरण शुल्क वर्तमान दर का 2.5 प्रतिशत अन्य वाणिज्यिक भूखंडों का (स्पोर्ट्स सिटी को छोड़कर) हस्तांतरण शुल्क पांच प्रतिशत किया गया। पहले पांच साल तक 1500 प्रति वर्ग मीटर, अथवा कुल मूल्य का 10 प्रतिशत, जो भी अधिक हो एवं पांच साल से आगे यह धनराशि 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ आगणित मूल्य अथवा कुल प्रमियम के 10 प्रतिशत धनराशि में से जो अधिक हो, लिए जाने का प्रावधान था।
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त एवं नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव मित्तल, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण, यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
अधिभोग प्रमाणपत्र के लिए निशुल्क छह महीने का समय
कोविड-19 के समय अधिभोग प्रमाणपत्र के लिए छह माह का समय निशुल्क दिए जाने का प्रावधान किया गया था। शासन ने स्पष्ट किया कि यह निशुल्क समयवृद्धि सभी परिसंपत्तियों पर लागू होगी। लीज डीड की शर्तों के अनुसार समाप्त हो रहे समय के पश्चात अतिरिक्त छह महीने का समय अधिभोग प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए निशुल्क समय प्रदान किया जाएगा।
आवासीय भवन के 300 से अधिक बकायेदारों के लिए एकमुश्त समाधान योजना
नोएडा (Noida) प्राधिकरण के आवासीय भवन की वर्ष 2016-17 तक आई विभिन्न योजना (श्रमिक कुंज को छोड़कर) में जो बकायेदार या डिफाल्टर हैं, उनके लिए प्राधिकरण एकमुश्त समाधान येाजना लेकर आ रहा है। एकमुश्त समाधान योजन दो अक्तूबर को लाई जाएगी जो एक दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी। इसके तहत पैनल ब्याज को माफ कर ब्याज की गणना की जाएगी। इसके अलावा इस अवधि में लीजडीड कराने पर विलंब शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी यानि की लीज डीड में विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस योजना का करीब 300 बकायेदारों को फायदा मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि आवासीय भवन से जुड़ा एक और फैसले को बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई है। आवास भवन विभाग के किराया क्रय अभिधृत अनुबंध (एचपीटीए) के आधार पर कब्जा प्राप्त किए ऐसे आवंटी जिनके द्बारा किस्तों का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे डिफाल्टर आवंटियों को लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन करने पर आवंटन निरस्त कर उनके द्बारा जमा की गई संपूर्ण राशि को प्राधिकरण जब्त कर लेगा। अभी तक प्राधिकरण एक, दो व तीन प्रतिशत शुल्क काटकर बाकी धनराशि वापस कर देता था। अधिकारियों ने बताय कि पुरानी योजनाओं में एचपीटीए की व्यवस्था होती थी।