गौतमबुद्ध नगर के आबकारी विभाग को आबकारी आयुक्त से प्रशस्ति पत्र मिला है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश में राजस्व बढ़ाने में गौतमबुद्धनगर पहले नंबर पर रहा. जिले में करीब 1600 करोड़ रुपये की शराब बेची गई है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 25 फीसदी की बढ़त हुई है.
आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के आबकारी विभाग ने पिछले 10 माह में करीब 1600 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है. यानी कि गौतमबुद्ध नगर के लोगों ने महज 10 महीने में 1600 करोड़ रुपये की शराब पी है. इस लिहाज से पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 25 फीसदी की वृद्धि हुई है.
2,324 करोड़ रुपये का मिला था टारगेट
इस आंकड़े की वृद्धि से आबकारी आयुक्त के द्वारा गौतम बुद्ध नगर की आबकारी अधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया है. पूरे प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर सबसे ज्यादा शराब पीने वाला जिला बना है. गौतमबुद्ध नगर के जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार ने बताया कि इस वर्ष 2023-24 में हमें 2,324 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया था.
अभी 10 माह में हमने करीब 1600 करोड़ रुपये के राजस्व को प्राप्त कर लिया है. अगर पिछले वर्ष के मुकाबले हम बात करें, तो इस समय तक हम 25 फीसदी की वृद्धि कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि मार्च के अंत तक हम दिए गए आंकड़े तक पहुंच जाएंगे.
जानिए कितनी शराब की हुई बिक्री
आबकारी अधिकारी ने बताया कि इस दौरान जिले में पिछले 10 माह में एक करोड़ 78 लाख 16 हजार 53 लीटर देसी शराब बेची गई है. इससे करीब 500 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. इस पिछले 10 माह में एक करोड़ 5 लाख 82 हजार बोतल अंग्रेजी शराब बेची गई है. इससे करीब 700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है.
अंग्रजी शराब बेचने के मामले में भी जिला पहले नंबर पर रहा है. इतना ही नहीं, बीयर से भी राजस्व की काफी प्राप्ति हुई है. पिछले 10 माह में बीयर की करीब 3 करोड़ 63 लाख कैन बेची गई है, जिससे आबकारी विभाग को करीब 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है.
सुबोध कुमार ने बताया कि आबकारी विभाग के द्वारा निरंतर राजस्व को बढ़ाने के लिए कार्य किए जाते हैं. दिल्ली के नजदीक होने के बाद भी लगातार राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है. प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर आबकारी में राजस्व प्राप्त करने में पहले नंबर पर आया है. इसी को लेकर आयुक्त महोदय के द्वारा एक प्रशस्ति पत्र दिया गया है.