रेव पार्टियों में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में फंसे यूट्यूबर एल्विश यादव की मुसीबत बढ़ सकती है. नोएडा पुलिस की ओर से उन्हें जांच में शामिल होने का नोटिस भेजा गया है. नोएडा पुलिस ने जांच थाना सेक्टर 49 से लेकर थाना सेक्टर 20 को ट्रांसफर कर दी है, जिसके बाद जांच में तेजी आई है. माना जा रहा है कि एल्विश यादव जल्द ही नोएडा पुलिस के सामने पेश हो सकते हैं. इस दौरान पुलिस उनका आरोपी राहुल से करवा सकती है.
आरोपियों से हो सकता है आमना-सामना
नोएडा पुलिस के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि यूट्यूबर एल्विश यादव (Elvish Yadav Case) को रेव पार्टियों में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में नोटिस भेजा गया है. उस नोटिस में उन्हें थाना सेक्टर-20 पुलिस के सामने पेश होकर पूछताछ में शामिल होने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने संकेत दिया कि इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके पांचों सपेरों से उनका आमना-सामना करवाया जा सकता है.
मेनका गांधी के संगठन ने की थी शिकायत
सूत्रों के मुताबिक नोएडा पुलिस की जांच में यह तेजी केस (Elvish Yadav Case) के ट्रांसफर होने के बाद आई है. सांसद मेनका गांधी के संगठन पीपुल फॉर एनिमल (पीएफए) की शिकायत के बाद यह मामला थाना सेक्टर- 49 में दर्ज किया गया था. बाद में शिथिलता बरतने के आरोप में कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एसएचओ को लाइन हाजिर कर मामले को जांच के लिए थाना सेक्टर 20 में ट्रांसफर कर दिया गया है.
कई राज्यों में आयोजित की गई थी पार्टियां!
नोएडा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में राजस्थान, हरियाण, दिल्ली में कई जगह रेव पार्टियां आयोजित करने की बात सामने आई है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इन रेव पार्टियों में सांपों का जहर सप्लाई किया गया था. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इन पार्टियों एल्विश यादव (Elvish Yadav Case) शामिल हुआ था या नहीं और अगर शामिल हुआ था तो उसका रोल क्या था. क्या उसने पार्टियों में विदेशी लड़कियों को बुलाने और सांपों के जहर का इंतजाम किया.
सोशल मीडिया को खंगाल रही पुलिस
पुलिस सूत्रों के अनुसार नोएडा पुलिसि इस मामले में एल्विश यादव (Elvish Yadav Case) समेत पकड़े गए बाकी आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट को भी खंगाल रही है. पुलिस को आशंका है कि इस मामले में डार्क बेव का इस्तेमाल हो सकता है. वहां पर कानूनी एजेंसियों की नजरों से बचकर अक्सर ड्रग्स की डील की जाती है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि सांपों के जहर की डीलिंग भी इसी डार्क वेव के जरिए की जाती होगी. इसके अलावा नाइजीरियन ऐप को भी शक के दायरे में रखकर जांच की जा रही है.