लाहौर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उम्मीद जताई है कि देश रुके हुए राहत पैकेज को हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के साथ जल्द एक कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है।
30 जून से पहले करना होगा समझौता
शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान ने आइएमएफ के साथ समझौते के लिए जरूरी सभी शर्तें पूरी कर ली हैं। पीएम शरीफ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कई लोगों का मानना है कि साढ़े छह अरब डालर के आइएमएफ के मौजूदा राहत कार्यक्रम के फिर से जारी रहने की संभावना बहुत कम रह गई है। समझौता करने की नियत तिथि 30 जून को खत्म हो रही है।
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चार बार नहीं बन सकी बात
बता दें कि, गत चार वर्षों में आर्थिक राहत पैकेज के लिए आइएमएफ के साथ होने वाला समझौता कम से कम चार बार पटरी से उतरा है। पीएम शरीफ ने मौजूदा आर्थिक संकट के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) सरकार ने आइएमएफ के साथ समझौते का उल्लंघन किया।
घबराने की बात नहीं
शहबाज ने सरकार की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आईएमएफ के साथ समझौते में और देरी होती है, तो मैं आपको इस बारे में बताऊंगा। आईएमएफ ने कुछ शर्तों को पूरा करने पर पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का कर्ज देने के लिए 2019 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने सभी पूर्व शर्तों को पूरा किया है और उम्मीद है कि आईएमएफ के साथ समझौते पर इसी महीने हस्ताक्षर हो जाएंगे। उन्होंने जनता से कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हमने आईएमएफ की सभी शर्तों को पूरा किया है। समझौते को अंतिम रूप देने में आने वाली बाधाओं को दूर किया है। समझौता इसी महीने हो जाएगा।