देहरादून : मतांतरण को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सख्त कानून बनाने की बात कह रहे हैं तो वहीं इस मामले में पुलिस का दोहरा चरित्र सामने आया है।
दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
जबरन मतांतरण के मामले में डालनवाला ने बीते रविवार को अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। दूसरे ही दिन यानि सोमवार को मतांतरण करवाने वालों की तहरीर पर विरोध करने वालों के खिलाफ क्रॉस मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बच्चों की निश्शुल्क पढ़ाई और पैसे देने का दिया जा रहा था लालच
बीते दिनों देहरादून के ईसी रोड स्थित एक मकान में जबरन मतांतरण कराए जाने का मामला सामने आया था। इसकी सूचना जब हिंदू संगठनों को मिली तो उन्होंने वहां पहुंचकर जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और वहां मौजूद पादरी को हिरासत में ले लिया गया।
पादरी से आराघर पुलिस चौकी में करीब एक घंटे तक पूछताछ की गई। पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल के अनुसार, घर में करीब 50 से 60 हिंदुओं का मतांतरण कराया जा रहा था।
पुलिस को दी तहरीर में शिवाजी एन्क्लेव, वाणी विहार निवासी छत्रपाल सिंह ने बताया था कि ईसी रोड स्थित रवि फ्रांसिस के घर में अक्सर ईसाइयों का धार्मिक कार्यक्रम चलता है। रविवार को देहरादून और पौड़ी गढ़वाल समेत अन्य जगहों से महिलाओं व पुरुषों को कार्यक्रम में बुलाया गया था। वह भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देखा कि वहां हिंदुओं को भ्रमित किया जा रहा था। वहां इलाज के नाम पर प्रार्थना कराई जा रही थी। हिंदू धर्म को लेकर गलत शब्दों का प्रयोग किया जा रहा था। वहां मौजूद नागरिकों के सिर के ऊपर पानी भरा लोटा घुमाया जा रहा था और उसका पानी सभी पर छिड़का जा रहा था।
तहरीर में उन्होंने बताया कि हिंदुओं से कहा जा रहा था कि अपने घरों में रखी देवी-देवताओं की फोटो बाहर कर दो। इससे उनकी भावनाएं आहत हुईं। साथ ही कहा जा रहा था कि अगर तुम ईसाई बन जाओगे तो तुम्हारे बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दिलाई जाएगी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें पीटा गया।