नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का आज यानी रविवार (05 फरवरी) को दुबई के अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे। 79 वर्षीय मुशर्रफ का दुबई के अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनका जन्म से ही भारत से गहरा कनेक्शन रहा।
पुरानी दिल्ली में पुश्तैनी घर
परवेज मुशर्रफ का परिवार बंटवारे से पहले भारत में रहने के दौरान भी काफी संपन्न था। उनके दादा टैक्स कलेक्टर थे और पिता ब्रिटिश हुकूमत में बड़े अधिकारी थे। मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को पुरानी दिल्ली के दरियागंज स्थित पुश्तैनी घर में हुआ था।
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साल 1947 के बंटवारे के वक्त उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था। इससे पहले तक उनकी फैमिली दिल्ली में ही रहती थी। पाकिस्तान जाने से पहले उन्होंने अपने बचपन के शुरुआती चार साल यहीं बिताए थे।
भारत आने पर गए थे दरियागंज
पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान उन्होंने दरियागंज में अपनी पैतृक संपत्ति देखने गए थे और वहां रहने के दौरान अपने ‘दोस्तों’ और ‘पड़ोसियों’ से भी बातचीत की थी। दरियागंज स्थित’नहर वाली हवेली’ को मुशर्रफ के दादा काजी मोहतशिमुद्दीन ने पंजाब के आयुक्त के रूप में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद खरीदा था। यह संपत्ति अब ज्यादातर खंडहर में बदल चुकी है। दरअसल विभाजन के दौरान उनके परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बाद यह जगह सुनसान हो गई थी।
AMU में पढ़ती थीं मुशर्रफ की मां
साल 2005 में उनकी मां बेगम जरीन (जिनका 2021 में निधन हो गया) जब भारत यात्रा पर आईं थीं तो उन्होंने अपने बेटे जावेद और मुशर्रफ के बेटे बिलाल के साथ अपने पैतृक घर का दौरा किया था। यह वर्ष 1982 के 23 साल बाद की बात है जब उन्होंने दरियागंज का दौरा किया और अरुणा आसफ अली से मुलाकात की थी। परवेज की मां बेगम जरीन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी।