नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने उच्चतम न्यायालय में सोमवार को ठग सुकेश चंद्रशेखर की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उसे राष्ट्रीय राजधानी से बाहर की एक जेल में स्थानांतरित करने करने का अनुरोध किया गया था. दिल्ली पुलिस ने उसे एक ‘शातिर अपराधी’ बताया है, जो कानून का जरा भी सम्मान नहीं करता है. यह आरोप लगाया गया है कि चंद्रशेखर अपने अपराध गिरोह को बढ़ाने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहा है और दिल्ली पुलिस तथा केंद्र सरकार के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहा है.
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ चंद्रशेखर और उसकी पत्नी लीना पॉलोज की याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में उन दोनों की जान को कथित खतरा का हवाला देते हुए दिल्ली से बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है. केंद्र की ओर से पेश हुए अधिवक्ता रजत नायर ने इस याचिका पर एक हलफनामा दाखिल किया है.
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पीठ ने विषय की अगली सुनवाई जनवरी के लिए मुल्तवी कर दी और चंद्रशेखर का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत को हलफनामे का प्रत्युत्तर दाखिल करने को कहा. हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कहा, ‘आरोपी/याचिकाकर्ता संख्या 1 शातिर अपराधी है.’
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ठग सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज की एक याचिका पर दिल्ली पुलिस से सोमवार को जवाब मांगा. लीना ने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली मामले में जमानत का अनुरोध किया है. न्यायमूर्ति डी.के. शर्मा ने महिला की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. उसने (लीना ने) उसे राहत देने से इनकार करने संबंधी निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है. पॉलोज के वकील ने दलील दी कि महिला होने के नाते उनकी मुवक्किल जमानत पाने की हकदार है.