नई दिल्ली। पुरानी दिल्ली के नबी करीम इलाके में स्थित एक मंदिर के प्रवेश द्वार पर पुजारी को पत्र मिला। पत्र खोल कर पढ़ा तो उनकी हालत खराब हो गई। घबरा कर तुरंत मामले की सूचना पुलिस की दी। पत्र में लिखा था कि नसीम आलम के फोन नंबर पर 50 हजार रुपये भेज दो, वरना मंदिर को बम से उड़ान के साथ ही उन्हें भी मार देंगे।
मामले की जांच में पुलिस नसीम आलम तक पहुंची, लेकिन पता चला कि अक्टूबर में उनका फोन चोरी हो गया था। काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) से भी पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा है। पुलिस फिलहाल मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच कर मंदिर के प्रवेश द्वार पर पत्र रखने वाले की शिनाख्त करने का प्रयास कर रही है।
25 दिसंबर को दी उड़ाने की धमकी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जितेंद्र शर्मा नबी करीम के आराम नगर स्थित महाकाली मंदिर में पुजारी हैं। वो मंदिर परिसर में ही रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 25 दिसंबर की रात करीब 9:15 बजे उन्हें मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक पत्र मिला। इसे उठाकर उन्होंने रख लिया, पत्र अगले दिन 26 दिसंबर की रात करीब 10:00 बजे खोलकर पढ़ा। इसे पढ़ते ही वो घबरा गए और तुरंत पुलिस को काल किया।
पत्र में फोन नंबर पर रकम भेजने को कहा
पत्र में एक फोन नंबर लिखा हुआ था, जिस पर 50 हजार रुपये भेजने को कहा गया था। नहीं भेजने पर मंदिर और पुजारी दोनों को बम उड़ाने की धमकी दी गई थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो पत्र में लिखे नंबर की सीडीआर खंगालने पर पुलिस कुतुब रोड स्थित एक बैग फैक्ट्री के मालिक तक पहुंची। इससे पता चला कि नसीम उनकी फैक्ट्री में सितंबर तक काम करता था।
फिर हुआ ये खुलासा
इसके जरिए पुलिस नसीम तक पहुंची, और नसीम को जांच में शामिल होने को कहा गया। पुलिस पूछताछ में नसीम ने बताया कि वो अब दूसरी बैग फैक्ट्री में काम करते हैं। वो लेटर में लिखे नंबर का इस्तेमाल करते थे, जो अक्टूबर में चोरी हो गया था। इसके बाद उन्होंने दूसरा नंबर ले लिया।
पुलिस ने सीडीआर का विश्लेषण किया तो ये सही पाया गया। नसीम का दावा है कि इस मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है। वो मंदिर के पुजारी को भी नहीं जानता है। पुलिस को नसीम का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं मिला है। नसीम के पुराने और मौजूदा मालिक से भी पूछताछ की गई, जिसमें कुछ खास सामने नहीं आया। पुलिस को इस मामले में यह भी शक है कि किसी ने पुजारी के साथ शरारत तो नहीं की है, और यदि शरारत की तो उसके पास नसीम के नाम पर पंजीकृत मोबाइल नंबर कैसे मिला?