ग्रेटर नोएडा। कूड़े का निस्तारण सही तरीके से कराने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का जन स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। सोसायटी, माल, स्कूल व अन्य निजी संस्थानों का दौरा कर जुर्माना लगाया जा रहा है। पिछले तीन दिनों के दौरान विभिन्न संस्थानों पर पांच लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लग चुका है। निजी संस्थानों पर जुर्माना तो लगाया जा रहा है, लेकिन प्राधिकरण अपने गिरेबान में झांक कर यह देखने का प्रयास नहीं कर रहा है कि सेक्टर व गांवों में कितनी गंदगी फैली रहती है।
सेक्टर व गांव में साफ सफाई की जिम्मेदारी ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की है। व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए प्राधिकरण करोड़ों रुपये का ठेका जारी करता है। व्यवस्था में और सुधार करने के लिए इस बार प्राधिकरण ने नियम में बदलाव किया। घर-घर से निकलने वाले कूड़े को उठाने के लिए अलग व सार्वजनिक स्थान पर फैलने वाले कूड़े को उठाने के लिए दूसरी कंपनी को ठेका दिया गया है। यह ठेका लगभग पचास करोड़ रुपये से अधिक का है। बावजूद
व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। सेक्टर व गांव में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। विभिन्न ग्रुप पर लोग आए दिन कूड़े को साफ करने की गुहार लगाते रहते हैं। जिन लोगों को करोड़ों का ठेका दिया गया है उन कार्रवाई नहीं हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ शहर में बड़ी संख्या में सोसायटी, स्कूल, माल व अन्य निजी संस्थान हैं। वहां से निकलने वाले कूड़े के उचित निस्तारण की व्यवस्था संस्थानों की है। पिछले कुछ दिनों से प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित रूप से स्कूल, कालेज, सोसायटी व अन्य संस्थान का दौरा कर रही है।
टीम ने पिछले कुछ दिनों के दौरान सेंट जोसफ स्कूल पर 21 हजार, एनआइईटी कालेज पर 21 हजार, अंसल माल पर 4.63 लाख, ईडाना सोसायटी पर 44 हजार 800, फ्लोरेंस इंटरनेशनल स्कूल पर 20 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। सेक्टर प्रदीप कुमार, विनोद, सविता आदि का कहना है कि प्राधिकरण अधिकारियों को सेक्टर व गांव में कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को भी दुरुस्त करना चाहिए। लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों पर भी जुर्माना लगाने की कार्रवाई करे।