शामली। ड्रग्स तस्करी के मामले में एसटीएफ मेरठ ने एक इनपुट के आधार पर शहर में कई जगह छापामारी कर तीन लोगों को हिरासत में लिया। घंटों पूछताछ के बाद तीनों को छोड़ दिया गया। पता चला है कि जिन लोगों के यहां छापा मारा गया, उनके खानदान के लोग पाकिस्तान से आते समय हथियार तस्करी में पकड़े गए थे। चर्चा है कि ड्रग्स तस्करी का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर से जुड़ा है। उधर, बताया गया कि हिरासत में लिए गए युवक दिखावे के लिए सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं, लेकिन उनका काम नशा तस्करी है।
शामली कोतवाली पहुंची तीन टीम
रविवार दोपहर एसटीएफ के एडिशनल एसपी ब्रिजेश सिंह के नेतृत्व में तीन टीम शामली कोतवाली पहुंची। स्थानीय पुलिस को साथ लेकर मोहल्ला पंसारियान, बरखंडी, सरवरपीर कालोनी और नोकुंआ बर्फखाने वाली गली में छापामारी की। टीम में शामिल 20-25 लोगों को देख अफरातफरी मच गई। महिला पुलिसकर्मियों को साथ लेकर मकान में घुसी एसटीएफ की टीमें तीन युवकों को कोतवाली ले आई। पुलिस ने युवकों से नशा, हथियार तस्करी के साथ पांच माह से फरार उनके भाई के बारे में तीन घंटे पूछताछ की। खास जानकारी नहीं मिलने पर तीनों को छोड़ दिया गया। बताया जाता है कि टीम ने एक युवक को उसकी ससुराल से भी दबोचा है।
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हथियार तस्करी से जुड़ा रहा है परिवार
मोहल्ला नोकुआ बर्फखाने वाली गली निवासी दंपती और उसके बेटे को गत जुलाई माह में पाकिस्तान से लौटते समय बार्डर पर पाकिस्तान के कस्टम विभाग ने पकड़ लिया था। इनसे डिब्बे में छिपाकर लाई गई पिस्टल बरामद हुई थीं। इस परिवार का एक सदस्य पहले भी हथियार तस्करी को लेकर सुर्खियों में रहा है। मोहल्ले वालों ने बताया कि एक माह पूर्व भी रात को इस घर में बाहर की पुलिस पहुंची थी, लेकिन युवक फरार मिला। इनका एक भाई पांच साल से फरार है।
लगाते हैं सब्जी की रेहड़ी, करते ड्रग्स सप्लाई
बताया जाता है कि हिरासत में लिए गए तीनों युवक दिखावे के लिए सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं लेकिन उनका मूल काम नशा तस्करी है। इनमें से दो भाई पूर्व में हथियार तस्करी में पकड़े जा चुके है।
इन्होंने कहा
मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर तीन घरों में दबिश डाली गई थी। तीन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई लेकिन कोई सामान बरामद नहीं हो सका। पूछताछ के बाद तीनों को छोड़ दिया गया।
-बृजेश सिंह, एएसपी, एसटीएफ, मेरठ