गाजियाबाद के राजेंद्र नगर में बिना ड्रग लाइसेंस के चल रही नकली दवा फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। औषधि सुरक्षा विभाग की टीम ने शुक्रवार को फैक्ट्री पर छापा मारकर जानवरों की नकली दवाएं पकड़ीं। विभाग ने लाखों रुपये की नकली दवाओं के साथ 50 हजार की कीमत का पैकिंग का सामान सील किया। दवा बनाने के लिए इस्तेमाल होनी वाली साबुन और अन्य दवाएं मिली हैं। दो दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला को भेजे गए हैं। मौके से फैक्ट्री संचालक को हिरासत में लिया है।
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औषधि सुरक्षा विभाग को राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र की गली नंबर चार में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली। इस पर मेरठ मंडल औषधि विभाग की टीम ने छापेमारी की। छापेमारी में ड्रग इंस्पेक्टर अनुरोध कुमार, वैभव बब्बर और साहिबाबाद थाने की पुलिस टीम शामिल रही। टीम को मौके पर फैक्ट्री संचालक अनिल कुशवाह मौजूद मिले। जांच में पता चला कि फैक्ट्री में जानवरों की नकली दवाओं का बड़े पैमाने पर निर्माण हो रहा है।
नकली दवाओं को ब्रांडेड दवाओं के नाम से पैक करके बाजार में बेचा जाता है। फैक्ट्री संचालक फूड सप्लीमेंट बनाने के लिए लाइसेंस पर काफी समय से जानवरों की नकली दवाएं बनाने का काम कर रहे थे। उनके पास कोई ड्रग लाइसेंस नहीं था। ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा ने बताया कि मौके से साबुन और कैप्सूल के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। मौके से लाखों रूपए की नकली दवाएं, साबुन, नकली दवा बनाने के उपकरण, ब्रांडेड कंपनियों के रैपर आदि बरामद हुए हैं। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी।
सोनीपत से जुड़े तार
अनिल कुशवाह ने पूछताछ में बताया कि उन्हें सोनीपत का एक व्यक्ति जानवरों के लिए प्रयोग होने वाले साबुन सप्लाई करता है। वह इन्हें पैक करके आगे भेजते हैं। वहीं जानवरों की कुछ दवाओं का निर्माण भी फैक्ट्री में किया जाता है।
आठ माह से चल रही थी
ड्रग इंस्पेक्टर आषुतोष मिश्रा ने बताया कि फैक्ट्री में तैयार की जाने वाली नकली दवाओं की सप्लाई कानपुर में किए जाने की जानकारी हुई है। कुछ बिल बरामद हुए हैं जो जनवरी के हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि फैक्ट्री आठ महीनों से संचालित थी।
ये दवाएं पकड़ीं
औषधि विभाग के छापे में बरामद जोटिस वेट साबुन जानवरों में बैक्टीरिया खत्म करने में इस्तेमाल होती है। इसके अलावा इसी तरह ब्लेस्टर पैकिंग में बरामद रिवाइव प्लस कैप्सूल जानवरों का मल्टीविटामिन कैप्सूल है।
उत्पादन और बिक्री के लाइसेंस का विवरण
– थोक औषधि विक्रताओं के कुल 1,999 लाइसेंस
– फुटकर औषधि विक्रेताओं के कुल 3,527 लाइसेंस
– एलोपैथिक दवा निर्माण के 26 लाइसेंस
– होम्योपैथिक दवा निर्माण के दो लाइसेंस
– कॉस्मेटिक सामग्री निर्माण के चार लाइसेंस
– मेडिकल डिवाइस निर्माण के छह लाइसेंस
ऐसे बनाते थे नकली दवा
जानवरों की नकली दवाएं बनाने के लिए फैक्ट्री में फूड मैटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा था। अधिकांश नकली दवाओं की फैक्ट्री में इसके लिए दवाओं के सस्ते वाले सॉल्ट या अन्य पदार्थों का प्रयोग किया जाता है, लेकिन यहां बन रही दवाओं में किसी तरह का मेडिकल सॉल्ट नहीं मिलाया जा रहा था। इस तरह की दवाओं के प्रयोग से जानवरों को बीमारी में किसी तरह का आराम नहीं मिलता।