लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में खाकी उतारकर खादी पहनने वाले राजेश्वर सिंह और असीम अरुण अब विधायक बन गए। राजेश्वर ने सरोजनीनगर सीट से 54 हजार तो वहीं कन्नौज सदर से असीम अरुण छह हजार मतों से जीत हासिल की। पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद दोनों अफसरों ने भाजपा के साथ राजनीति की नई पारी शुरू की थी, जिसमें उन्हें कामयाबी मिली है।
सरोजनीनगर के भाजपा उम्मीदवार राजेश्वर सिंह ने मात्र 20 दिनों में ही मतदाताओं के बीच पहुंचकर उनका दिल जीत लिया। अपनी जीत के साथ ही भाजपा के ही विरोधियों को भी बता दिया कि संगठन से बड़ा कुछ भी नहीं होता है। शहरी और ग्रामीण इलाकों की आबादी वाली सरोजनीनगर विधानसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला था।
भाजपा ने मौजूदा विधायक और सरकार में मंत्री स्वाती सिंह को टिकट न देकर नया चेहरा उतारा था। इससे नाराज मंत्री स्वाती सिंह उनका प्रचार करने तक नहीं गई थीं। इस सीट से मंत्री स्वाती सिंह के पति व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह भी टिकट चाह रहे थे। पति और पत्नी के बीच चल रहे विवाद के कारण्ण पार्टी ने किसी को टिकट नहीं दिया था। समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री प्रो. अभिषेक मिश्र को टिकट दिया था।
ठाकुर, ब्राह्मण और यादव इस सीट पर हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते चले आए हैं। ब्राह्मण मत अभिषेक मिश्र के पक्ष में जाने की चर्चा से राजेश्वर सिंह की जीत को लेकर संशय था, लेकिन आखिरकार उन्होंने साइकिल को पंक्चर कर दिया। 2012 के चुनाव में शहर की उत्तर विधानसभा सीट से सपा का परचम लहराने वाले अभिषेक मिश्र को मंत्री की भी कुर्सी मिली थी, लेकिन 2017 के चुनाव में हार के बाद वह अदृश्य हो गए थे और अचानक उन्हें सरोजनीनगर सीट से सपा का उम्मीदवार बना दिया गया था।
उधर, कन्नौज सदर में असीम अरुण को सपा के अनिल दोहरे से कांटे की टक्कर मिली। असीम को 120876 मत मिले तो वहीं अनिल दोहरे को 114786 वोट प्राप्त हुए। असीम की जीत का अंतर 6090 रहा।