नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा का ऐलान किया। रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसे 4 फीसद पर बरकरार रखा गया है। इसके साथ ही, दूसरी प्रमुख ब्याज दरों को भी नहीं बदला गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा। एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा।
शक्तिकांत दास ने कहा, ”बजट में जो भी आवंटन किया गया है, उससे विकास दर तेज करने में मदद मिलेगी. कच्चे तेल की कीमतों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है.” दास ने कहा, “देश में महंगाई दर नियंत्रण में है। लेकिन, यह कारक हमारे विकास में और बाधा डाल सकता है।” उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय पर सरकार के फोकस से मांग बढ़ेगी। मांग लगातार बढ़ रही है। यह घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि, वैश्विक कारक परेशानी को बढ़ाएंगे।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि भारत दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में कोरोना की स्थिति से उबरने की अलग राह पर है। आईएमएफ के अनुमानों के मुताबिक, भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में साल-दर-साल सबसे तेज गति से बढ़ने की ओर अग्रसर है। यह बड़े पैमाने पर टीकाकरण और निरंतर वित्तीय और मौद्रिक सहायता से संभव हुआ है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि हमारा ध्यान कमजोर वर्ग की आर्थिक और वित्तीय स्थिति को सुरक्षित करने पर है। उन्होंने कहा कि महामारी ने विश्व अर्थव्यवस्था को बंधक बना लिया है। दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। अभी टीकाकरण और बूस्टर डोज पर भी जोर है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि दिसंबर में मुद्रास्फीति में वृद्धि ओमाइक्रोन में वृद्धि के कारण हुई। अनाज का बफर स्टॉक खाद्य मुद्रास्फीति के लिए अच्छा संकेत है। दास ने कहा कि 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास दर 7.8% रहने का अनुमान है। यह Q1 में 17.2%, Q2 में 7.0%, Q3 में 4.3% और Q4 में 4.5% हो सकता है। उन्होंने कहा कि 2022-23 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान है।