ग्रेटर नोएडा। जासूसी के शक में पकड़े गए चीनी नागरिक सु फाइ व उसका भारतीय दोस्त रवि कुमार नटवरलाल का जाल नोएडा में भी फैला था। नोएडा में दोनों आरोपित पूर्व में रहकर अवैध अड्डा चला चुके हैं। यह बात खुफिया एजेंसी की जांच में सामने में आई है।
चीनी नागरिक सु फाइ का रिश्तेदार ली शुलून (मामा) पिछले वर्ष जुलाई में नोएडा के सेक्टर 92 स्थित चाइनीज गेस्ट हाउस में बिना वीजा के रहा था। उसने भारतीय युवती से छेड़छाड़ भी की थी। मामला पुलिस तक पहुंचा, तो आरोपित चीन भाग गया था। उस मामले में भी सु फाइ के भारतीय दोस्त रविकुमार नटवरलाल ने पैरवी की थी। वह थाने भी गया था।
अब यह बात पुख्ता हो गई है कि चीनी नागरिक सु फाइ के रिश्तेदार भी वित्तीय जालसाजी और हवाला के कारोबार में संलिप्त हैं। वह भारत कई बार आ चुके हैं। सु फाइ की पत्नी भी पूर्व में भारत आ चुकी है। लगातार नियमों का उल्लंघन कर बिना वीजा के चीनी नागरिक सु फाइ और उसके रिश्तेदार भारत आते-जाते रहे।
इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि यदि नेपाल बार्डर पर दो चीनी नागरिक नहीं पकड़े जाते, तो अब भी ऐसे ही सु फाइ अपना धंधा आसानी से संचालित करता रहता।
नार्थ ईस्ट की लड़कियां बनीं गवाह
चीनी नागरिकों के अवैध अड्डे पर लाई गई नार्थ ईस्ट की लड़कियों से जबरन शराब परोसवाई गई। उनसे स्पा कराया गया और देय व्यापार के लिए विवश किया गया। यह बात मणिपुर और असम की लड़कियों ने बताई है। नार्थ ईस्ट की छह लड़कियां आरोपित चीनी नागरिक और उसके भारतीय दोस्त के खिलाफ गवाह बन गई हैं। आरोप है कि होटल में नौकरी के नाम पर लड़कियों को लाया गया था।
रविकुमार नटवरलाल का भी पासपोर्ट मिला
जांच एजेंसी को रविकुमार नटवरलाल का भी पासपोर्ट मिल गया है। उसका भी लुकआउट नोटिस जारी होगा। रवि की मंगेतर का भी लुकआउट जारी होगा, ताकि दोनों देश न छोड़ सकें। दोनों ने एक साथ चीन में पढ़ाई की थी।
अवैध अड्डे की सीसीटीवी फुटेज डिलीट मिली
ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव स्थित चीनी नागरिकों के शराब के अवैध अड्डे पर 50 से अधिक कैमरे लगे थे। सीसीटीवी फुटेज डिलीट मिली है। इसके अलावा अवैध अड्डे से मिले लैपटाप, मोबाइल व अन्य सामान को जांच के लिए फारेंसिक टीम के पास भेज दिया गया है।
सुनवाई के दौरान पुलिस ने मांगा समय
रविकुमार नटवरलाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पुलिस ने समय मांग लिया है। पुलिस ने कोर्ट में पक्ष रखा कि हाल ही में रिपोर्ट दर्ज की गई है। ऐसे में केस स्टडी के लिए उनको कुछ दिन का समय दिया जाए। कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख लगा दी है।
यह है पूरा मामला
बीते 11 जून को नेपाल बार्डर पर बिहार के सीतामढ़ी क्षेत्र में एसएसबी ने दो चीनी नागरिकों लु लैंग और तो यूं हेलंग को पकड़ा था। दोनों 18 दिनों तक ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव स्थित चीनी नागरिकों के अवैध शराब के अड्डे व जेपी ग्रींस सोसायटी में रहे थे।
दोनों को भारत में पनाह चीनी नागरिक सु फाइ व उसकी महिला मित्र नगालैंड निवासी पेटेख रेनुओ ने दी थी। पनाह देने वालों को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने पकड़ा तो पता चला कि अवैध रूप से सु फाइ भारत में रह रहा था। उसकी वीजा अवधि वर्ष 2020 में समाप्त हो गई थी।
सु फाइ के कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए, जो देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे। वह घरबरा गांव में चीनी नागरिकों के लिए एक ऐसा अड्डा चला रहा था, जहां बार, पब, कैसिनो समेत कई अन्य मनोरंजन के साधन एक साथ मौजूद रहते थे। अड्डे का एग्रीमेंट उसके भारतीय मित्र व बिजनेस में पार्टनर रविकुमार नटवरलाल के नाम है।