नई दिल्ली। बाड़ा हिंदुराव इलाके में फर्जी पुलिसकर्मी बनकर चार बदमाशों ने ट्रेडिंग फर्म के दो कर्मचारियों से 35 लाख रुपये से भरा बैग लेकर फरार हो गए। वारदात बुधवार शाम की है। मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर लिया है। इस मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। बताया जा रहा है कि वारदात के पीछे ईरानी गिरोह के बदमाशों के हाथ है।
जानकारी के अनुसार, बादली निवासी ज्योति प्रकाश नरेला स्थित ट्रेडिंग फर्म में 15 साल से काम कर रहे हैं। फर्म के मालिक विनोद अग्रवाल ने उन्हें कूचा महाजनी से फर्म के रुपयों का कलेक्शन कर पश्चिम विहार अपने रिश्तेदार मनीष गोयल के पास पहुंचाने के लिए कहा था। ज्योति प्रकाश और एक अन्य कर्मचारी सुदीश्वर सिंह बुधवार को कूचा महाजनी के अलग अलग जगहों से 35 लाख रुपये जमा किए। फिर बाइक से वापस पश्चिम विहार के लिए निकले। वह अवंतिबाई लोधी चौक के पास पहुंचे वहां पर पुलिस के बैरीकेड थे।
वहां पर पहुंचते ही दो बाइक पर सवार चार युवक आए। उन्होंने खुद को दिल्ली पुलिस का कर्मी बताया और अपना आइकार्ड दिखाया। इसके बाद बैग की जांच करने के बहाने रुपये से भरा बैग लेकर दोनों को पुलिस चौकी के पास आने के लिए कहा। फिर दूसरी लेन में बाइक से ईदगाह रोड की तरफ फरार हो गये। ठगे जाने का अहसास होने पर दोनों ने पहले अपने मालिक और फिर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने घटनास्थल और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच किया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच में कुछ संदिग्धों की फुटेज मिली है। वारदात में ईरानी गिरोह के शामिल होने की अशंका है। बता दें कि वर्ष 2019 में लाल किला के पास कार सवार युवक ने पुलिस अधिकारी बन कलेक्शन एजेंट से एक करोड़ रुपये लूट लिए थे। इस मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं।