नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है, जिसमें अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई थी। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने पीआईएल याचिकाकर्ता अलका प्रिया से कहा कि मामले का कोई आधार नहीं है। मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है और अगर आप चाहते हैं तो आप बांबे हाईकोर्ट जा सकते हैं और अपने लिए यथोचित राहत की मांग कर सकते हैं।
पीठ में बोबडे के अलावा न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमनियन भी थे।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता के.बी. उपाध्याय ने पीठ के समक्ष कहा कि सुशांत एक भले इंसान थे, क्योंकि वह कई सामाजिक कार्यो को अपना समर्थन दे रहे थे।
पीठ ने इसपर कहा कि इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि वह अच्छे आदमी थे या बुरे आदमी थे, यह न्यायाधिकार का मामला है। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उन्हें बांबे उच्च न्यायालय जाना चाहिए और अगर कुछ भी ठोस है तो उन्हें उसे वहां साझा करना चाहिए।
उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा कि मुंबई पुलिस की जांच में कई तरह की अनियमितताएं हैं। उन्होंने कहा कि उनके शरीर पर घाव के निशान थे।
कुछ दिन पहले सुशांत सिंह राजपूत के पिता के.के. सिंह ने पटना में रिया चक्र वर्ती के खिलाफ धोखाधड़ी और बेटे को धमकाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसके बाद अभिनेत्री भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और जांच को मुबई ट्रांसफर करने की मांग की।
रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि उसकी मुवक्किल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर जांच को पटना से मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है, जहां अभिनेता की आत्महत्या की जांच पहले से ही चल रही है। मानशिंदे ने हालांकि याचिका के कंटेंट के बारे में नहीं बताया।
सुशांत और रिया 14 जून को अभिनेता सुशांत की आत्महत्या से पहले रिलेशनशिप में थे। सुशांत के पिता ने रिया के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए हैं, जिसमें उसके पैसे लेने और मीडिया में उसकी मेडिकल रिपोर्ट को साझा करने की धमकी देना शामिल है।
सुशांत के परिवार ने रिया पर उसके परिवार से दूर करने का भी आरोप लगाया।
सुशांत के चचेरे भाई और बिहर के छातापुर से पूर्व भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सुशांत के अचानक निधन के सदमे से उबरने के बाद और कई चीजों के बारे में जानकारी मिलने के बाद हमने एफआईआर करवाया।