नई दिल्ली। पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण का निधन हो गया। वो 97 वर्ष के थे। वो काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। शांति भूषण सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण के पिता थे।
शांति भूषण ने मोरारजी देसाई के मंत्रालय में 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री के रूप में कार्य किया था। वो जुलाई 1977 से अप्रैल 1980 में राज्यसभा सदस्य भी रहे थे।
शांति भूषण ने ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में काफी चर्चित मामले में राजनारायण का प्रतिनिधित्व किया था। जिस कारण इंदिरा गांधी को 1974 में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था।
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उन्होंने कई जनहित मामलों को उठाया। इसके अलावा वो भ्रष्टाचार के मुद्दों पर काफी मुखर थे। वो अपने बेटे प्रशांत भूषण के साथ अन्ना आंदोलन में भी शामिल हुए थे, जिस कारण उनका आम आदमी पार्टी (AAP) से भी लगाव था। लेकिन वह कभी भी पार्टी में नहीं थे।
शांति भूषण के बेटे जयंत और प्रशांत भूषण वरिष्ठ वकील हैं। जिन्होंने राफेल लड़ाकू जेट सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका पर बहस की थी।
शांति भूषण ने 1980 में एनजीओ ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ की स्थापना की। जिसके जरिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकों के जरिए महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दों को उठाया था। 2018 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ सिस्टम में बदलाव की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे स्वीकार नहीं किया था।