नई दिल्ली। हैदरपुर जलशोधन संयंत्र के अंदर ड्यूटी पर तैनात इंडियन रिजर्व बटालियन (सिक्किम पुलिस) के लांसनायक ने पत्नी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर सोमवार दोपहर कमांडर समेत तीन जवानों की सरकारी एसएलआर से गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। मृतकों की पहचान सिक्किम पुलिस के पिटो नामग्याल भूटिया, धनहांग सुब्बा, इंदरा लाल छेत्री के रूप में हुई है। इस बाबत केएन काटजू थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित लांसनायक प्रबीन राय को गिरफ्तार कर लिया है।
मृतक जवानों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस अधिकारी के अनुसार सिक्किम पुलिस में लांसनायक प्रबीन राय हैदरपुर स्थित जलशोधन संयंत्र के अंदर तैनात था। सोमवार दोपहर संयंत्र के अंदर बने बैरक में प्रबीन की पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर साथ में तैनात कमांडर पिटो नामग्याल भूटिया, कांस्टेबल धनहांग सुब्बा व इंदरा लाल छेत्री के साथ कहासुनी हो गई। इसी को लेकर गुस्से में प्रबीन ने तीनों की एसएलआर से गोली मारकर हत्या कर दी। गोली की आवाज सुनते ही संयंत्र में अफरातफरी का माहौल हो गया।
सुरक्षा कर्मियों ने अंदर काम करने वाले ज्यादातर लोगों को संयंत्र से बाहर निकाला। इसके बाद सिक्किम पुलिस के आला अधिकारी, दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी व रोहिणी जेल में तैनात सीआरपीएफ की 89 बटालियन के जवान भी मौके पर पहुंचे। रोहिणी जिले के पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने बताया कि सोमवार दोपहर केएन काटजू मार्ग थाना पुलिस को हैदरपुर जल शोधन संयंत्र में फायरिंग की जानकारी मिली।
पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि इंडियन रिजर्व बटालियन (सिक्किम पुलिस) के तीन जवान लहूलुहान जमीन पर पड़े हुए हैं। पिटो नामग्याल भूटिया व इंदरा लाल छेत्री की मौके पर ही मौत हो चुकी थी और गंभीर रूप से घायल कांस्टेबल धनहांग सुब्बा को बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस दौरान प्रबीन राय को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपित प्रबीन ने बताया कि उसने बैरक में अपने साथियों को गोली मार दी। रोहिणी जिला पुलिस के आला अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की मदद के लिए तैनात किए जाते हैं सिक्किम पुलिस के जवान
इंडियन रिजर्व बटालियन (सिक्किम पुलिस) आर्म्ड पुलिस है, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। सीआरपीएफ, सीआइएसएफ की तरह इसका खर्च भी केंद्र सरकार ही वहन करती है। केंद्र सरकार जहां चाहें इस बटालियन का उपयोग कर सकती है। दिल्ली में इंडियन रिजर्व बटालियन की तैनाती दिल्ली पुलिस की मांग के अनुसार की जाती है। इंडियन रिजर्व बटालियन (सिक्किम पुलिस) के जवानों को रोहिणी जेल, हैदरपुर संयंत्र के अलावा वीआइपी सुरक्षा या किसी संस्थान की सुरक्षा का जिम्मा दिया जाता है। दिल्ली में इंडियन रिजर्व बटालियन (सिक्किम पुलिस) के जवानों को दिल्ली में तैनात करने से दिल्ली पुलिस की ताकत और बढ़ गई है। दरअसल, दिल्ली पुलिस के पास इतनी ज्यादा फोर्स नहीं है कि इलाके में अपराधियों पर भी नकेल कस सके और कानून-व्यवस्था बनाए रख सके। इसलिए इंडियन रिजर्व बटालियन की तैनाती कई महत्वपूर्ण जगहों पर की जाती है।
पत्नी नहीं उठा रही थी फोन, दोस्त मारते थे ताना
हैदरपुर जल शोधन सयंत्र के अंदर तैनात इंडियन रिजर्व बटालियन (सिक्किम पुलिस) के लांस नायक प्रबीन राय कई दिनों से परेशान चल रहा था। उसकी पत्नी उसका फोन नहीं उठा रही थी और दोस्त इस बात को लेकर ताना मार रहे थे। इसी बात को लेकर सोमवार दोपहर कमांडर समेत तीन जवानों की सरकारी एसएलआर से गोली मारकर हत्या कर दी।
इंडियन रिजर्व बटालियन (सिक्किम पुलिस) के पांच जवान यहां तैनात थे। सिक्किम पुलिस के कमांडर पिटो नामग्याल भूटिया व आरोपित प्रबीन राय एक ही बैच (2012) व धनहांग सुब्बा और इंदरा लाल छेत्री 2013 बैच के थे। नामग्याल भूटिया सिक्किम की राजधानी गंगटोक के सुमिक लिगजे के, जबकि आरोपित प्रबीन राय गंगटोक के रुम्तेक साजोंग के रहने वाले थे। उनके साथ ही सिक्किम के गेजिग जिले के बड़ापाथिंग के इंदिरा लाल छेत्री और पूर्वी सिक्किम के माछोंग लोसिंग के धनहांग सुब्बा व नर बहादुर गुरुंग भी साथ ही बैरक में रहते थे। ऐसे में पांचों सहकर्मी एक दूसरे को भली भांति जानते थे।
सूत्रों के अनुसार प्रबीन कुछ दिन पहले ही दिल्ली आया था। प्रबीन जब से दिल्ली आया था तब से उसकी पत्नी उसका फोन ही नहीं उठा रही थी इस बात को लेकर वह गुस्से में रहता था। प्रबीन राय की पत्नी जब फोन नहीं उठाती थी तो उसके साथी इस बात को लेकर ताना मारते थे व अक्सर मजाक उड़ाते थे।
नर बहादुर ने भागकर बचाई जान
सूत्रों के अनुसार प्रबीन की ड्यूटी दोपहर तीन बजे खत्म होती है। सोमवार को इसके बाद कांस्टेबल नर बहादुर गुरुंग की ड्यूटी थी। सोमवार दोपहर अचानक प्रबीन ड्यूटी छोड़कर नर बहादुर के पास आया और उसका मोबाइल लेकर पत्नी को फोन किया। इस बार फिर पत्नी ने फोन नहीं उठाया। यह देखकर सभी साथी हंसने लगे। पूछताछ में प्रबीन ने बताया कि इससे नाराज होकर उसने सरकारी एसएलआर से अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। नर बहादुर ने भागकर जान बचाई।
तीन वर्ष बाद घर जाने वाले थे नामग्याल भूटिया
नामग्याल भूटिया तीन वर्ष से दिल्ली में ड्यूटी कर रहे थे। आने वाले नवंबर में वह अपने घर सिक्किम लौटने वाले थे। वह नौ अप्रैल से यहां तैनात थे। वहीं, धनहांग सुब्बा 18 जून से, छेत्री 21 जनवरी से और राय सितंबर 2021 से यहां तैनात थे।