मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करप्शन और लापरवाही पर गुरुवार को दो घंटे में दो बड़े एक्शन लिए। सबसे पहले दोपहर 4 बजे सोनभद्र के डीएम टीके शिबू को सस्पेंड किया गया। इसके बाद शाम 6 बजे गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। करप्शन और लापरवाही को लेकर दोनों अफसरों पर एक्शन लिया गया है।
पहले बात सोनभद्र के डीएम टीके शिबू की। उनके खिलाफ जिला खनिज न्याय समिति और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत जनप्रतिनिधियों ने की थी। इसके अलावा, विधानसभा चुनाव के समय भी डीएम की लापरवाही का मामला सामने आया था। दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद 6 दिन में यह योगी का तीसरा बड़ा एक्शन है। इससे पहले इंटरमीडिएट के पेपर लीक मामले में बुधवार को डीआईओएस बृजेश मिश्र को सस्पेंड करके गिरफ्तारी के आदेश दिए गए थे।
पोस्टल बैलट को खुला छोड़ा, वोटिंग कैंसिल करने आई थी नौबत
अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, खनन में भ्रष्टाचार के साथ ही विधानसभा चुनाव में भी डीएम टीके शिबू द्वारा लापरवाही बरती गई थी। उन्होंने पोस्टल बैलेट को सील नहीं किया गया था। जिस कारण इसकी फोटो मीडिया पर वायरल हुई थी। जिस कारण पूरे जिले में मतदान कैंसिल करने की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके अलावा, पब्लिक के साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी इन्होंने दूरी बना ली थी।
6 माह भी नहीं बिता पाऐ जिले में जिलाधिकारी टी के शीबू
जिलाधिकारी के टी के शिबू जिले में 6 माह भी नहीं कार्यकाल नहीं दिया इससे पहले ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। बता दें कि 30 अक्टूबर 2021 को टी के शिबू ने सोनभद्र जिलाधिकारी के पद पर नियुक्त हुए थे शुरू से ही जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के बीच छवि ठीक नहीं होने के कारण हमेशा ही विवादों में घिरे दिखाई दिए जिसका खामजिया भुगतना पड़ा।
डीएम को सस्पेंड करने के बाद इस मामले की जांच वाराणसी के आयुक्त को मामले की जांच सौंपी गई है। सस्पैंशन की अवधि में टीके शिबू राजस्व परिषद लखनऊ में अटैच रहेंगे। बिना लिखित परमिशन के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
IAS से पहले IPS चुने गए थे शिबू
IAS टीके शिबू केरल में एलप्पी के रहने वाले हैं। IAS बनने से पहले वे 2009 में IPS अफसर चुने गए थे। शिबू इससे पहले प्रयागराज में एसडीएम, 2016 से 2018 के बीच प्रयागराज के पीडीए, हरदोई, शाहजहांपुर और उन्नाव में सीडीओ रह चुके हैं। शिबू विशेष सचिव ग्राम विकास के पद पर भी रहे।
अधिकारियों पर विजिलेंस, CBCID की नजर
सीएम योगी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ फिर से शिकंजा कसने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे अफसरों की लिस्ट बनाई जा रही है, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप है। इस काम के लिए बाकायदा विजिलेंस, SIT और CBCID के अफसरों की स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार में 200-250 अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर नकेल कसी जाएगी। ये वो अधिकारी और कर्मचारी हैं, जो फाइलों को लंबित रखते हैं। साथ ही विभागीय कामों में लेट-लतीफी करते हैं। सरकार के एजेंडे पर काम नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
योगी सरकार में स्क्रीनिंग के आधार पर जबरन हुए रिटायर
साल 2017 में सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने ऐसे सभी विभागों में स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया था। पहले कार्यकाल में भी लगभग 1700 अधिकारी-कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया गया था।