ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए पहला नसबंदी केंद्र शुरू किया गया है। यहां सेक्टर ओमिक्रोन-दो के निवासियों ने सेक्टर के आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए पैसे जमा करा दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, एसोसिएशन ने यहां 250 रुपये प्रति कुत्ते के हिसाब से 2500 रुपये जमा कराए हैं। हालांकि प्रति कुत्ता 1000 रुपये का खर्च आएगा। शेष खर्च ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वहन करेगा। ह्यूमेन वेलफेयर संस्था को यह जिम्मेदारी दी गई है।
नसबंदी के बाद कुत्ते के गले में पट्टा पहनाया जाएगा। साथ ही कान पर कट भी लगाया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर जनस्वास्थ्य विभाग ने ये कार्रवाई की है। संस्था कुत्तों को पकड़कर लाएगी और उनकी नसबंदी करेगी। जिस भी सेक्टर या सोसायटी की आरडब्ल्यूए को अपने यहां के कुत्तों की नसबंदी करानी है वह प्रति कुत्ते के हिसाब से 250 रुपये संस्था के खाते में जमा करा सकते हैं। संस्था के प्रतिनिधि कुत्तों को पकड़कर लाएंगे। उनकी नसबंदी करेंगे और फिर उनको वहीं पर छोड़ आएंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के ऐनीमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) नियम के अनुसार जिस कुत्ते को जहां से पकड़ा जाएगा, नसबंदी के बाद उसे वहीं छोड़ना होगा।
वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव ने बताया कि यह स्टरलाइजेशन सेंटर है। यहां पर कुत्तों की सिर्फ नसंबदी की जाएगी। इस सेंटर में 53 कैनल्स बनाए गए हैं, जिसमें नसबंदी के बाद पांच दिन के लिए कुत्तों को रखा जाएगा। उनको एंटी रेबीज इंजेक्शन भी लगाया जाएगा। उसके बाद उन्हें वापस छोड़ दिया जाएगा। सेंटर में आपरेशन रूम व वेटिंग एरिया भी बनाया गया है। कुत्तों की देखरेख के लिए 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे।
आपरेशन रूम में एसी, फ्रिज व आरओ की व्यवस्था की गई है। इस मौके पर प्रबंधक वैभव नागर व जितेंद्र यादव, पशु चिकित्सक प्रेम चंद्र, स्मार्ट सेंचुरी की संस्थापक कावेरी राणा, ह्यूमन वेलफेयर के प्रतिनिधि व आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी मौजूद रहे। आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने भी इसकी सराहना की। सीईओ ने इस पहल के लिए जनस्वास्थ्य विभाग की सराहना की।
इस नंबर पर करें संपर्क
प्राधिकरण ने कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए मोबाइल नंबर-7838565456 जारी किया है। इस पर संपर्क कर नसबंदी कराने की सूचना दे सकते हैं। ह्यूमेन वेलफेयर सोसाइटी के बैंक खाते में प्रति कुत्ते के हिसाब से 250 रुपये जमा कराने होंगे। संस्था की टीम मौके पर जाकर कुत्तों को पकड़कर लाएगी।