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औचक निरीक्षण से जिला अस्पताल की खुली पोल, DM के सामने डॉक्टर और वार्ड ब्वाय पर अवैध वसूली का आरोप

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नोएडा। सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में निरीक्षण के लिए शनिवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा पहुंचे। करीब एक घंटे अस्पताल में रहकर ओपीडी, पैथोलाजी लैब और भर्ती विभाग का निरीक्षण कर यहां मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जाना। डीएम ने सबसे पहले पंजीकरण की व्यवस्थाओं के बार में जाना।

निरीक्षण के बाद एक व्यक्ति ने डाक्टर और वार्ड ब्वाय पर इलाज के लिए तीन हजार रुपये वसूली का आरोप लगाया है। सीएमएस डा. राजेंद्र कुमार ने अवगत कराया है कि मामले में जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है

सेक्टर-44 स्थित छलैरा में रहने वाले शशांक द्विवेदी एचसीएल में साफ्टवेयर इंजीनियर है। शशांक का आरोप है कि 12 फरवरी की रात करीब एक सड़क हादसे में वह और दोस्त विश्वजीत सिंह घायल हो गए थे। पैर में चोट लगने के कारण इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। यहां देर रात इमरजेंसी ड्यूटी में मौजूद डा. रवीश मलिक और वार्ड ब्वाय सुनील ने इलाज और टांका लगाने के नाम पर रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर टांका लगाने से मना कर दिया।

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मजबूरन टांका लगवाने के लिए रुपये देने पड़े। करीब 300-400 रुपये नकद व तीन हजार रुपये गूगल पे एक नंबर पर किए। इसके बाद टांका लगाया गया। टांका लगने के बाद बेड रेस्ट पर होने के कारण वह मामले की शिकायत नहीं कर सके। शनिवार को संयोगवश अस्पताल पहुंचे। यहां डीएम को निरीक्षण करते देख पूरे मामले से अवगत कराया।

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प्लास्टर कक्ष के बाहर भीड़ देख भड़के डीएम

निरीक्षण के दौरान प्रभारी सीएमएस डा. राजेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 1400 से अधिक ओपीडी के पर्चे आफलाइन बनाने के साथ 700 पर्चे आफलाइन बनते हैं। इसके बाद डीएम ने स्त्री रोग, शिशु रोग विभाग में आने वाले मरीजों की संख्या के बारे में जाना। नेत्र विभाग कक्ष में सीलन देख दुरूस्त करने के लिए निर्देशित दिया। दंत रोग ओपीडी में महिला डेंटल हाइजीनिस्ट से स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली।

प्लास्टर कक्ष बाहर मरीजों लंबी देख जिलाधिकारी ने इसमें सुधार के लिए जरूरी निर्देश दिए। मरीजों ने अवगत कराया है कि टोकन और नंबर सिस्टम नहीं होने के कारण अपनी बारी का पता नहीं चलता। कई मरीज जोर जबरदस्ती कर धक्कामुक्की करते हैं। इसलिए यहां टोकन व्यवस्था लागू होनी चाहिए। सीएमएस ने अवगत कराया है कि पहले डिस्प्ले सिस्टम था, लेकिन वह खराब है। इससे सही कराया जाएगा।

डीएम ने शौचालय की सफाई देखी। यहां शीशा लगाने के साथ ठेकेदार को निर्देशित किया है सफाई वाली जगह की चेक लिस्ट तैयार कर इसे प्रदर्शित किया जाए। ओपीडी में लगे वाटर कूलर से स्वच्छ पेयजल को पानी पीकर चेक किया। निरीक्षण के दौरान अवस्थाओं पर पर्दा डालने के लिए सभी स्टाफ को ड्रेस कोड में ड्यूटी पर तैनात रहने के निर्देश थे। इस कारण समय से पहले बंद हो जाने वाली ओपीडी, ओटी, फार्मेसी में स्टाफ दो बजे के बाद भी तैनात रहा। निरीक्षण के दौरान सीएमओ डा. सुनील कुमार शर्मा मौजूद रहे।

लिफ्ट सही कराने के दिए निर्देश

एचआइवी ओपीडी की सेवाओं के बारे में जानकारी ली। पैथोलाजी लैब में होने वाली जरूरी जांच की लिस्ट लगाने के लिए निर्देशित किया। मरीजों को कम्प्यूटर सिस्टम के माध्यम से मिलने वाली रिपोर्ट, ब्लड बैंक में रखे रक्त, ब्लड कैंप की जानकारी ली। एक्सरे कक्ष में मरीजों को जांच के बाद मिलने वाली फिल्म की स्थिति के बारे में जाना। लेबर रूम में भर्ती बेड व कुल मरीजों की संख्या जानी। डीएम ने सीएसआर के तहत लगी सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन सही कराने के निर्देश दिए। आपरेशन थिएटर (ओटी) की व्यवस्थाओं के बारे में भी जाना।

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लिफ्ट नहीं चलने पर नाराजगी व्यक्त कर सही कराने के लिए निर्देशित किया। सीएमएस ने अवगत कराया है कि बिल्डिंग का स्वामित चाइल्ड पीजीआइ के पास है। लिफ्ट सही कराने के लिए प्रबंधन को पूर्व में पत्र लिखा जा चुका है लेकिन लिफ्ट सही नहीं हुई। वहीं जनऔषधि केंद्र में सभी तरह की दवा उपलब्ध नहीं होने पर प्रधानमंत्री जनऔषधि की जेनेरिक दवाओं के बजाए दूसरे ब्रांड की दवा रखने पर जांच के लिए निर्देश किया। डीएम ने बताया कि जल्द जिला अस्पताल को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी होंगी।

अवैध वसूली के आरोप निराधार है। इस संबंध में सीएमएस के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है। ड्यूटी पर मौजूद रहने के कारण मरीज ने उनका भी नाम लिया है। -डा. रवीश मलिक, इमरजेंसी मेडिकल आफिसर, जिला अस्पताल

लिखित शिकायत मिलने के बाद प्राथमिक जांच में डाक्टर के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो सका है। वार्ड ब्वाय को ड्यूटी से हटा दिया है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. पंकज त्रिपाठी, पैथोलाजिस्ट डा. एचएम लवानिया और डा. जेनेंद्र झा के नेतृत्व वाली समिति मामले की जांच कर रही है। -डा. राजेंद्र कुमार, सीएमएस, जिला अस्पताल

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