टाटा समूह के मैनेजमेंट में बदलाव की मीडिया खबरों से रतन टाटा नाराज हैं। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि इस तरह की अटकलें केवल उस टीम के बीच व्यवधान पैदा करने का काम कर सकती हैं जो सुचारू रूप से अपना काम कर रही है।
दरअसल, मीडिया में ऐसी खबरें चल रही थीं कि टाटा समूह के कॉर्पोरेट गवर्नेंस को बेहतर बनाने के लिए मैनेजमेंट में बदलाव किया जा सकता है। इन्हीं खबरों पर रतन टाटा ने प्रतिक्रिया दी है। रतन टाटा की तरह टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने भी इन खबरों को खारिज कर दिया है। चंद्रशेखरन ने स्पष्ट किया कि मैनेजमेंट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हो रहा है। चंद्रशेखरन के मुताबिक इस तरह के फैसले नॉमिनेशन और रिम्यूनरेशन कमेटी की ओर से लिए जाते हैं।
क्या किया जा रहा था दावा: दरअसल, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा था कि टाटा समूह के मैनेजमेंट में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। नए बदलाव में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की बड़ी भूमिका होगी। सीईओ, 153 साल पुराने टाटा ग्रुप के कारोबारी साम्राज्य की निगरानी और मार्गदर्शन करेंगे। वहीं, चेयरमैन शेयरहोल्डर्स की ओर से सीईओ के कामकाज पर नजर रखेगा। रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि सीईओ पद के लिए टाटा स्टील लिमिटेड सहित टाटा समूह की अलग-अलग फर्मों के प्रमुखों का मूल्यांकन किया जा रहा है।
टीसीएस को बड़ी सफलता: इस बीच, टाटा ग्रुप की सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट कंपनी टाटा कंसल्टेंसीज सर्विसेज (टीसीएस) को एक बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, इस कंपनी का मार्केट कैपिटल पहली बार 200 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। ये पहली टेक कंपनी है जिनसे 200 अरब डॉलर के मुकाम को हासिल किया है।