नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के ट्रांस्पोर्ट विमान C-295 का निर्माण अब भारत में ही होगा। टाटा-एयरबस इसका निर्माण करने जा रही है, जिसको लेकर दोनों में डील हो गई है। इसका निर्माण गुजरात के वडोदरा में किया जाएगा। रक्षा अधिकारी के अनुसार यह कदम भारत को डिफेंस के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए लिया गया है, जिसपर वह निरंतर आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने भी आत्मनिर्भर भारत को तेजी देने के लिए सेना के कई सारे उपकरणों का निर्माण भारत में करना शुरू करा दिया है।
बता दें कि गुजरात के वडोदरा में स्थित एक प्लांट में ये C-295 एयरक्राफ्ट निर्मित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए 30 अक्टूबर को प्लांट का शिलान्यास करेंगे।
पिछले साल सितंबर में भारत ने वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों के स्थान पर 56 सी-295 परिवहन विमान की खरीद के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ करीब 21,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना के तहत पहली बार किसी निजी कंपनी द्वारा सैन्य विमान का निर्माण भारत में किया जाना है।
समझौते के तहत, एयरबस चार साल के भीतर सेविले, स्पेन में अपनी अंतिम असेंबली लाइन से उड़ान की स्थिति में पहले 16 विमान की आपूर्ति करेगी और बाद में 40 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) द्वारा निर्मित और ‘असेंबल’ किए जाएंगे। यह निर्माण दोनों कंपनियों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी के हिस्से के रूप में होगा।
महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के लिए नियामकीय अनुमोदन वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्यूए) द्वारा पिछले सप्ताह प्रदान किया गया था।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने कहा, “अनुबंध के हिस्से के रूप में, 16 विमान तैयार स्थिति में मिलेंगे और 40 का निर्माण भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के टाटा कंसोर्टियम द्वारा किया जाएगा। TASL और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) TASL के नेतृत्व में हैं।”
उन्होंने कहा, “यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा। परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। विमान का उपयोग नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है।”