उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में सात महीने की एक बच्ची को देवी मानकर पूजा करने और पैसे चढ़ाने का मामला सामने आया है. सोशल मीडिया पर इन दिनों उस बच्ची की तस्वीर वायरल हो रही है. लोगों का मानना है कि बच्ची देवी का अवतार है. हालांकि डॉक्टर कहते हैं कि बच्ची को गंभीर दिमागी बीमारी है. जन्म के समय से ही बच्ची का चेहरा दूसरे बच्चों के चेहरे से अलग था.
पूरा वाकया कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के जरौली गांव का है. यहां की रहने वाली एक महिला को 7 माह का गर्भ था. उसे अचानक प्रसव पीड़ा हुई. परिजन सीएचसी झींझक ले गये. महिला ने यहां एक बच्ची को जन्म दिया. लेकिन लोगों ने जब नवजात का चेहरा देखा तो सभी दंग रह गए.
क्या कहते हैं डॉक्टर?
पूरे मामले पर झींझक सीएचसी प्रभारी दीपक गुप्ता का कहना है कि किसी भी नवजात का वजन 2500 ग्राम के आसपास होता है जबकि 7 माह की उस बच्ची का वजन 1300 ग्राम था. बच्ची को हाइड्रोसिफलस नाम की दिमागी बीमारी है. इसमें दिमाग की झिल्ली में पानी भर जाता है. इसकी वजह से बच्चे का सिर सामान्य से बड़ा दिखता है.
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डॉक्टर की राय में बच्ची की स्थिति नाजुक है. उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था लेकिन परिजन उसे जिलाअस्पताल न ले जाकर घर ले गए. अब मालूम ये हुआ कि बच्ची को देवी का अवतार मानकर लोग पूजा पाठ कर रहे है.
बच्ची की जा सकती है जान
डॉक्टर का कहना है कि यह एक प्रकार की खतरनाक बीमारी है. इसमें इलाज की सख्त जरूरत है. लोग उसका इलाज न कराकर उसे देवी की तरह पूजा करके उसकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. किसी बड़े अस्पताल में बच्ची का इलाज किया जाना चाहिए.
क्या कहते हैं समाजसेवी?
वहीं समाजसेवी कंचन मिश्रा का भी कहना है कि परिजनों को डॉक्टर की बात मानकर बच्ची को तुरंत हाइसेन्टर ले जाना चाहिये. लेकिन बच्ची के परिजन किसी की नहीं सुन रहे हैं, ये उसकी सेहत और जिंदगी के लिए ठीक नहीं. अंथविश्वास का खेल चल रहा है.