नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के मुख्यालय के बाहर 74 दिन से चल रहा किसानों का धरना शुक्रवार को खत्म हो गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद किसान और अधिकारी दोनों ही शुक्रवार को नरम दिखे। धरनास्थल पर पहुंचे डीएम और प्राधिकरण के अन्य अधिकारियों ने किसान नेताओं को उनकी मांगें पूरी कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने अपना धरना स्थगित कर दिया। किसानाें का कहना है कि उनके साथ अगर छलावा हुआ तो फिर से धरना शुरू होगा।
भारतीय किसान परिषद के नेतृत्व में प्राधिकरण के बाहर 11 दिसंबर से धरना शुरू हुआ था। इसके बाद एनटीपीसी के मुख्यालय के बाहर भी किसानों ने 18 दिसंबर से धरना शुरू कर दिया। किसानों ने कई बार प्राधिकरण में काम ठप करा दिया। अधिकारियों की भी आवाजाही बंद भी कर दी। इसके बाद भी धरना चालू रहा। शासन के मामले का संज्ञान लेने के बाद अलग-अलग अधिकारियों के स्तर पर बैठकें भी कीं। इसके बाद भी धरना खत्म नहीं हो पाया। अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने आदेश जारी कर चेयरमैन राजस्व परिषद की अध्यक्षता में एक समिति बना दी। इसमें मंडलायुक्त और डीएम को भी रखा गया है।
शुक्रवार को डीएम मनीष वर्मा, प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री ने किसानों से वार्ता की। उनको बताया गया कि किसानों की जो समस्याएं शासन स्तर पर लंबित हैं। उनके निस्तारण के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बना दी गई है। डीएम खुद इसके सदस्य हैं। ऐसे में वह खुद किसानों की समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रयास करेंगे। एनटीपीसी दादरी से संबंधित मुद्दों के लिए भी एनटीपीसी के अधिकारियों के संग डीएम किसानों से मिले।
किसानों की हुई जीत
किसान नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि प्रदर्शन की वजह से एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के लिए आठ करोड़ रुपये से विकास कार्य के लिए दिए जाएंगे। स्थानीय युवाओं को योग्यता के आधार पर 150 नौकरी दी जाएगी। जैतवारपुर की जमीन का अधिग्रहण एनटीपीसी द्वारा ग्रेनो के तर्ज पर किया गया था। यहां करीब 302 भूखंड एनटीपीसी द्वारा दे दिए गए हैं। शासन स्तर की मांगों के लिए समिति बन गई है। आज का दिन किसानों के लिए खुशी का दिन है। हम इसमें अपनी जीत देखते हैं।