ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से एक बड़ी खबर आ रही है। खबर यह है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हाल ही में घोषित की गई औद्योगिक भूखंडों (Industrial Plots) की योजना को बीच में ही बंद कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की योजना बंद होने से ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में फैक्टरी लगाने की योजना बना रहे उद्योगपतियों को बड़ा झटका लगा है। औद्योगिक भूखंडों की योजना उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी के निर्देश पर रदद की गयी है। यह पहला मौका है जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी किसी योजना को बीच में ही बंद किया है।
क्या है पूरा मामला ?
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 30 जनवरी 2024 को 44 औद्योगिक भूखंडों की योजना घोषित की थी। इस योजना के तहत उद्योगपतियों ने आवेदन करने भी शुरू कर दिये थे। अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अचानक अपनी योजना को बंद करने की घोषणा कर दी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के औद्योगिक विभाग ने बताया कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में 44 औद्योगिक भंूखंडों को इंटरव्यू के जरिए आवंटित करने की घोषणा की गई थी। अब इस योजना को रदद कर दिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी के निर्देश पर योजना को रदद किया गया है।
मुख्यमंत्री से लिए जाएंगे निर्देश
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त (IDC ) मनोज सिंह के निर्देश पर हाल ही में यह फैसला हुआ था कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन ई-टेंडर की बजाय इंटरव्यू के द्वारा किया जाएगा। इसी निर्णय के तहत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 44 भूखंडों की योजना घोषित की थी। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल नंदी का कहना है कि इंटरव्यू के द्वारा औद्योगिक भूखंड आवंटन की योजना पर अभी तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति नहीं हुई है। जब तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को मुख्यमंत्री से निर्देश प्राप्त नहीं हो जाते हैं तब तक इस योजना को रदद कर दिया जाए।
उद्योगमंत्री के इस फैसले के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक भंखंडों की योजना को रदद कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इस योजना से 5000 करोड़ रूपये के निवेश की उम्मीद थी। इस योजना में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के इकोटेक-1, एक्सटेंशन-1, इकोटेक-4, इकोटेक-6 आदि सेक्टरों में औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जाने थे। औद्योगिक भूखंडों का आकार 135 वर्ग मीटर से लेकर 20000 वर्ग मीटर तक था।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ताजा फैसले से ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में फैक्टरी लगाने की उम्मीद कर रहे उद्योगतियों में भारी निराशा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इस फैसले पर अनेक सवाल उठाए जा रहे हैं।