गुरुग्राम। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फाइबर केबल बिछाने के नाम पर 447 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। धोखाधड़ी के लिए काफी संख्या में फर्जी बिल बनाए गए। जमीन पर कहीं काम हुआ ही नहीं। अदालत के आदेश पर डीएलएफ फेज-एक थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। डीएलएफ फेज-एक निवासी कारोबारी रमन कौशिक ने कोलकाता को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए डाली जाने वाली फाइबर केबल का टेंडर लिया था। उन्होंने आगे काम करने के लिए लिंक क्यूईस्ट नामक कंपनी को जिम्मा सौंपा।
आरोप है कि कंपनी के निदेशक कोलकाता निवासी योगेश दूबे, रथित राय, बेंगलुरु निवासी सुनील कुमार मित्रा और हिमाद्री शंकर भट्टाचार्य समय-समय पर कार्य किए जाने के बिल भेजते रहे। बिलों के आधार पर रमन कौशिक पेमेंट करते चले गए। यही नहीं एक अन्य कंपनी की तरफ से हेमंत कनोरिया, दिनेश झुनझुनवाला, सुनील कनोरिया और शोमनाथ रॉय ने भी कुछ काम करने के लिए कांट्रैक्ट कर लिया। उन्होंने भी बिल भेजकर पेमेंट रिलीज करा ली। कुछ दिन पहले जब रमन कौशिक कोलकाता काम देखने के लिए पहुंचे फिर उन्हें ठगी का पता चला।
उन्होंने देखा कि जमीन पर कुछ भी काम नहीं किया गया और पेमेंट रिलीज करा ली गई। इस तरह आरोपितों ने फर्जी बिलों के माध्यम से उनके साथ 447 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। डीएलएफ फेज-एक थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नरेश कुमार का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है। जल्द ही पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी। सभी आरोपितों को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा जाएगा। जल्द ही नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।