नई दिल्ली। RBI ने कहा है कि SBI, HDFC Bank और ICICI Bank घरेलू स्तर पर वित्तीय प्रणाली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंक बने हुए हैं। देश में वित्तीय प्रणाली के स्तर पर ये इतने बड़े बैंक हैं कि ये डूब नहीं सकते हैं। आरबीआइ को अगस्त 2015 से हर साल इसी महीने में वित्तीय प्रणली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंकों के नामों की जानकारी देने की जरूरत होती है।
क्या कहते हैं नियम?
नियमों के अनुसार, ऐसे संस्थानों को प्रणाली के स्तर पर महत्व (SIS) के आधार पर चार श्रेणी में रखा जा सकता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जहां आइसीआइसीआइ बैंक पिछले साल की तरह ही श्रेणी आधारित संरचना में बना हुआ है, वहीं एसबीआइ और एचडीएफसी बैंक उच्च श्रेणी में चले गए हैं।
एसबीआइ श्रेणी (बकेट) तीन से श्रेणी चार में स्थानांतरित हो गया और एचडीएफसी बैंक श्रेणी एक से श्रेणी दो में स्थानांतरित हो गया। इसका मतलब है कि बैंकों को जोखिम भारांश परिसंपत्तियों (RWA) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त सामान्य इक्विटी शेयर पूंजी (टियर 1) को पूरा करना होगा।
केंद्रीय बैंक जोखिम को रोकने के लिए प्रतिबद्ध
आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और केंद्रीय बैंक किसी भी जोखिम को रोकने के लिए शीघ्र और निर्णायक रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आरबीआइ की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के 28वें अंक की प्रस्तावना में दास ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र के लचीलेपन को मजबूत करना, विकास के नए अवसर पैदा करना और समावेशी व हरित विकास को बढ़ावा देना केंद्रीय बैंक की प्राथमिकताओं में है।