लखनऊ। एनआइए ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के मामले में प्रतिबंधित संगठन सीपीआइ (माओवादी) के सक्रिय सदस्यों के बलिया स्थित 11 और बिहार के कैमूर में एक स्थान पर छापेमारी कर छानबीन की है। अगस्त, 2023 में पकड़े गए पांच आरोपितों के ठिकानों के अलावा कई संदिग्ध व्यक्तियों के घर पर भी छानबीन की गई।
यूपीएटीएस ने 15 अगस्त, 2023 को बलिया से नक्सली संगठनों में नई भर्तियां करने में जुटी तारा देवी के साथ लल्लू राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत राजभर व विनोद साहनी को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के कब्जे से नाइन एमएम पिस्टल भी बरामद हुई थी। जांच में सामने आया है कि तारा देवी को बिहार से बलिया भेजा गया था। वह वर्ष 2005 में नक्सलियों से जुड़ी थी और बिहार में हुई बहुचर्चित मधुबन बैंक डकैती में भी शामिल थी।
माओवादी नेता की मौत के बाद गतिविधियां तेज
सीपीआइ (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी के प्रमुख नेता संदीप यादव की मृत्यु के बाद प्रमोद मिश्रा सोनगंगा, विध्यांचल व मगध जोन में फिर से नक्सली गतिविधियों को तेज कर रहा था। पूर्वांचल में तारा व उसके अन्य साथी पुरुषों व महिलाओं की भर्ती कर रहे थे। उत्तर प्रदेश व बिहार में सशस्त्र विद्रोह खड़ा करने की साजिश रची जा रही थी।
एनआइए ने 10 नवंबर, 2023 को इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और नौ फरवरी, 2024 को चार आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। एनआइए की अब तक की जांच में सामने आया है कि प्रतिबंधित संगठन उप्र, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों में अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहा था और सीपीआइ (माओवादी) के नेता व सक्रिय सदस्य संगठन को नए सिरे से खड़ा कर रहे थे।