नई दिल्ली। UBS ने सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि उसने अपने पहले के कंपटीटर क्रेडिट सुइस के अधिग्रहण को अंतिम रूप दे दिया है। इससे दुनिया के दो सबसे महत्वपूर्ण बैंकों को एकीकृत करने के कठिन कार्य का रास्ता साफ हो गया है। स्विट्जरलैंड के सबसे बड़े बैंकों के मेगा-मर्जर पर ग्राहकों, कर्मचारियों, राजनेताओं और नियामकों की कड़ी नजर रहने वाली है। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।
दो बड़े बैंक आए एक साथ
UBS ने एक बयान में कहा कि यूबीएस ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार करते हुए आज क्रेडिट सुइस का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी को यूबीएस ग्रुप एजी में विलय कर दिया गया है और संयुक्त इकाई एक समेकित बैंकिंग समूह के रूप में काम करेगी। यूबीएस के अध्यक्ष कोलम केलेहर ने कहा, “मुझे खुशी है कि हमने तीन महीने से भी कम समय में इस महत्वपूर्ण लेन-देन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिससे पहली बार दो वैश्विक व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक एक साथ आ गए हैं।”
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खतरे में हजारों नौकरियां
ओवरलैपिंग ऑपरेशंस के कारण दोनों बैंको के कर्मचारियों की हजारों नौकरियां जा सकती हैं। इसको लेकर कहा गया है कि स्विट्जरलैंड की केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष थॉमस जॉर्डन के पास कोई दूसरा उपाय नहीं था। उन्होने कहा कि बेशक, यह अफसोस की बात है कि देश में केवल एक बड़ा बैंक बचा है, लेकिन मुझे यकीन है कि अगर यूबीएस द्वारा अधिग्रहण सफल नहीं हुआ होता तो एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट आ जाता।
फिलहाल, दोनों बैंक यूबीएस अंब्रेला के नीचे अलग-अलग काम करना जारी रखेंगे। लेकिन UBS ने पहले से ही कुछ क्रेडिट सुइस परिचालनों के लिए एक नया निदेशक मंडल बनाया है, जिसकी अध्यक्षता वर्तमान UBS के वाइस-चेयरमैन लुकास गेहविलर करेंगे। ऐसे में देखना ये होगा कि वियल के बाद कितने कर्मचारियों की छटनी की जा सकती है। फिलहाल इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।