अयोध्या। तीन युवक छात्राओं को छेड़ रहे थे। लोगों ने उनको पकड़ कर धुनाई के बाद पुलिस के हवाले किया तो उनकी सच्चाई जान सभी के होश उड़ गए। आरोपियों ने अश्लीलता की सारी हदें पार कर दीं। शहर में इन दिनों जहां मिशन शक्ति अभियान चला कर पुलिस शोहदों को सबक सिखाने का दावा कर रही है, इसी बीच सरे राह दो किशोरियों के साथ अश्लीलता की गई।
ई रिक्शा से स्कूल जा रही छात्राओं को रास्ते मे रोक कर बाइक सवार तीन युवकों ने अभद्रता की। एक छात्रा का हाथ पकड़ कर उसे रिक्शे से उतारने का प्रयास किया गया। युवकों ने दोनों छात्राओं के कपड़े फाड़ डाले। रिक्शा चालक ने विरोध किया तो उसको भी मारा पीटा। यह बात छात्राओं के स्वजन को पता चली तो वह भी मौके पर पहुंच गए।
स्थानीय लोगों से खुद को घिरता देख दो युवक तो भाग निकले, लेकिन एक युवक को लोगों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई की। युवक ने लोगों से अपना नाम समीर यादव बताया, लेकिन जब कोतवाली नगर में लाकर उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना वास्तविक नाम समीर खान बताया। इसके बाद छात्राओं के स्वजन सहित पुलिस के भी होश उड़ गए।
युवक ने अपना पता भी गलत बताया था। पहले उसने स्वयं को वजीरगंज का निवासी बताया, लेकिन बाद में उसका पता नेवातीपुरा का निकला, जो वजीरगंज से काफी दूर है। यह घटना गुरुवार को साहबगंज अंबेडकर पार्क के पास की है। दोनों छात्राएं एक इंटर कालेज में पढ़ती है। जानकारी होने के बाद छात्राओं के मुहल्ले के लोग बड़ी संख्या में कोतवाली नगर पहुंच गए हैं।
पीड़ित परिवार ने फरार हुए युवकों के साथ ही पकड़े गए युवक पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने शहर में मनचलों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान की भी कलाई खोल दी है। पुलिस पकड़े गए युवक से पूछताछ के आधार पर फरार हुए दो अन्य युवकों की तलाश में लगी है।
आरोपी ने पहले फरार हुए युवकों का नाम अतुल कुमार और मोनू मिश्रा का नाम बताया, लेकिन बाद में उनका वास्तविक नाम मेराज और साहबे आलम सामने आया। वरिष्ठ उपनिरीक्षक ओम प्रकाश ने बताया कि फरार हुए युवक का नाम साहबे आलम और मेराज है। अभी तक कि जांच में सामने आया है कि युवक मुस्लिम समुदाय के हैं, जिन्होंने ने अपना हिंदू नाम बताकर गुमराह किया है। तहरीर में नाम बदला जा रहा है।