नोएडा। जिले के सेक्टर-83 स्थित एक नामी मोबाइल निर्माता फैक्ट्री के सामने शनिवार देर रात उल्टी दिशा में आ रही एक तेज रफ्तार कार सवार ने छह फैक्ट्री कामगारों को टक्कर मारकर घायल कर दिया।
सूचना पर पहुंची फेज-2 कोतवाली पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए सेक्टर-110 स्थित भंगेल सीएचसी में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान लहरपुर, सीतापुर के इस्लाम (22) के रूप में हुई है। वहीं तीन घायलों का इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है। जबकि दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
पुलिस ने मृतक के शव का पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। शिकायत के आधार पर घटना स्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच करके कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक एक प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने वाले छह लोग शिफ्ट खत्म होने के बाद शनिवार रात करीब 1:15 बजे अपने घर की ओर लौट रहे थे। सभी इसी दौरान एनएसईजेड से उल्टी दिशा में आ रहे एक कार चालक ने छह लोगों को टक्कर मार दी।
डॉक्टरों ने इस्लाम को मृत घोषित कर दिया
हादसे में इस्लाम, इस्लामुद्दीन (20), इमामुद्दीन (19), तौशीब (19) सहित दो अन्य लोग घायल हो गए। घटना के बाद आरोपित चालक मौके से फरार हो गया। वहीं सूचना पर पहुंची फेज-2 कोतवाली पुलिस ने किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से पहले सेक्टर-110 स्थित भंगेल सीएचसी में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान डाक्टरों ने इस्लाम को मृत घोषित कर दिया।
हिट एंड रन के बाद आरोपी फरार
वहीं इस्लामुद्दीन, इमामुद्दीन, तौसीब को गंभीर रूप से घायल होने पर बेहतर उपचार के लिए सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां भी डाक्टरों ने घायलों की हालत को देखते हुए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया है। घायलों के सिर, पैर, हाथ में गंभीर चोट आई है। वहीं अन्य दो घायलों को सीएचसी से प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। वहीं हिट एंड रन के आरोपित कार चालक का अबतक पता नहीं चल सका है।
उल्टी दिशा आ रहे वाहन मौत को दे रहे दावत
यातायात पुलिस की ओर से अभियान चलाकर वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बावजूद चालक है कि मानने को तैयार नहीं हैं। यातायात पुलिस की ओर इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 1 लाख 18 हजार 109 वाहन चालकों के खिलाफ विपरीत दिशा में वाहन चलाने के खिलाफ कार्रवाई की गई है। शहर चौराहे को बंद कर यूटर्न बनाए गए हैं, लेकिन चालक ईंधन और समय की बचत के कारण उल्टी दिशा में चलते हैं। इससे आए दिन हादसे होते हैं। यूटर्न पर कैमरे लगाए जाने की योजना अधूरी है।