लखनऊ। नदी, नाले या फिर तालाब में शव प्रवाहित करने पर अब 3000 रुपये तक जुर्माना देना पड़ेगा। कोरोना काल के दौरान बड़ी संख्या में ऐसी घटनाएं देखने को मिली थीं, जिसके बाद शासन ने इस तरह की घटनाओं पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए जुर्माने का प्रावधान नियमावली में किया है।
नगर पंचायतों में 500 रुपये, नगर पालिका परिषद में 1000 रुपये, छह लाख तक की आबादी वाले नगर निगमों में 2000 रुपये और छह लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में तीन हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने की व्यवस्था की गई है।
घर में जलजमाव के कारण संक्रामक रोग फैलने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है। छह लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में यह जुर्माना 4000 रुपये, नगर पालिका परिषद में रहने वालों से 3000 रुपये तथा नगर पंचायतों में 2000 रुपये जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है।
शहरों को साफ-सुथरा रखने व कचरा प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार नगरीय निकायों में उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 लागू करने जा रही है। नियमावली के लागू होने से नगरीय निकायों में बड़े पैमाने पर कबाड़ का काम करने वालों को रोजगार मिलेगा।
नगरीय निकाय कबाड़ का काम करने वाले लोगों को जोड़ेंगे। कचरे से जो कबाड़ निकलेगा उसे बेचकर निकाय अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे। नियमावली में प्रदूषण कम करने के लिए भी तमाम उपाय किए गए हैं। प्रदूषण फैलाने वालों से नगरीय निकाय मौके पर ही जुर्माना वसूल सकेंगे।
नियमावली में सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। इन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपकरण देने के नियम बनाए गए हैं। बगैर सुरक्षा उपकरण के सेप्टेज, गंदे नाले या मैनहोल में सफाई कर्मचारियों से काम करवाने पर संबंधित ठेकेदार पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर पंचायत वाले शहरों में यह जुर्माना दो हजार रुपये रखा गया है। साथ ही हर साल दो हजार रुपये वर्दी के लिए भी दिए जाएंगे।