उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से आयोग पर सवाल खड़े होने के बाद एक तीर से कई निशाने साधे हैं. आयोग ने अब एक बड़ा फैसला लेते हुए तीन प्रतियों में ओएमआर आंसर शीट तैयार करने का फैसला लिया है, जिसमें एक प्रति कोषागार में संरक्षित रखी जाएगी, ताकि भविष्य में ओएमआर संबंधी किसी भी तरह का विवाद सामने आने पर तीसरी प्रति के सत्यापन के माध्यम से विवाद को दूर किया जा सके.
अब तक दो प्रतियों में होती थी OMR शीट
दरअसल परीक्षाओं में अक्सर नंबरों के साथ छेड़छाड़ या ओएमआर आंसर शीट खाली छोड़ने के आरोप लगते रहे हैं. आयोग के इस फैसले से सभी प्रकार के विवादों का समाधान भी किया जा सकेगा. अब तक आयोग दो प्रतियों में ओएमआर आंसर शीट तैयार कराता था. परीक्षा के बाद आंसर शीट की मूल प्रति आयोग के पास रह जाती थी, जिसके आधार पर परिणाम तैयार किया जाता था और दूसरी प्रति अभ्यर्थी को सौंप दी जाती थी.
जानें क्या है तीन OMR शीट का प्लान?
पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्रवण पांडेय नाम के एक कैंडिडेट ने उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा जांचने के आदेश दिए थे. आयोग के सचिव अशोक कुमार के अनुसार यूपीपीएससी की ओर से आगामी जो परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, उनमें आयोग ने तीन प्रतियों में उत्तर पत्रक के प्रयोग का फैसला लिया है. इनमें प्रथम प्रति मूल प्रति होगी, जो गुलाबी रंग की होगी, दूसरी प्रति हरे रंग की संरक्षित प्रति होगी. यही नहीं आयोग के इस फैसले से नकल माफिया पर भी लगाम लगेगी और इससे ओएमआर खाली छोड़ने वालों की भी पोल खुलेगी.
मिली जानकारी के अनुसार सीएस प्री-2015, लोअर सबऑर्डिनेट 2013 जैसी कुछ परीक्षाओं में ऐसे आरोप लगे थे. आयोग के इस फैसले के बाद अगर भविष्य में ऐसे आरोप लगते हैं तो ट्रेजरी में संरक्षित दूसरी प्रति का सत्यापन कर हकीकत का पता लगाया जा सकेगा. अब परीक्षा समाप्त होने के बाद ओएमआर आंसर शीट की मूल प्रति और संरक्षित प्रति अंतरीक्षक जमा कर लेंगे और तीसरी प्रति अभ्यर्थी अपने साथ ले जा सकेंगे.
नकल रोकने की दिशा में यूपीपीएससी का अच्छा कदम
आयोग की ओर से हाल ही में जिन भर्तियों के विज्ञापन जारी किए जा चुके हैं और जिनमें वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षाएं होनी हैं, उनमें भी तीन प्रतियों में उत्तर पत्र के प्रयोग का निर्णय लिया गया है. नकल रोकने की दिशा में लोक सेवा आयोग का प्रभावी कदम तीन प्रतियों में ओएमआर आंसर शीट प्रयोग के निर्णय को नकल रोकने की दिशा में यूपीपीएससी का अच्छा कदम कहा जा सकता है.
ट्रेजरी में जमा सेफ कॉपी से कर सकेंगे मिलान
आयोग के इस पहल से अगर किसी को ओएमआर आंसर शीट में छेड़छाड़ की कोई शिकायत नहीं आती है तो भी आयोग हर परीक्षा के बाद रेडम जांच करा सकेंगे है, ताकि ये तय किया जा सके कि परीक्षा में किसी को गलत तरीके से फायदा नहीं पहुंचाया जा रहा है. आयोग के पास की कॉपी और ट्रेजरी में जमा सेफ कॉपी का मिलान कर रेंडम जांच कराई जा सकती है. कोषागार में सेफ को जानी वाली ओएमआर आंसर शीट की कॉपी आयोग और स्टूडेंट के बीच विवाद भी सुलझाएगी. अगर कोई स्टूडेंट आरोप लगाता है कि आयोग के पास उपलब्ध उसकी ओएमआर आंसर शीट से छेड़छाड़ हुई है और इसकी वजह से उसका रिजल्ट का असर हुआ है तो सेफ कॉपी से इसका मिलान किया जा सकेगा. सीबीआई को ऐसी कई शिकायतें मिली हैं. जिनके अनुसार परीक्षा के दौरान कई स्टूडेंट ने ओएमआर आंसर शीट खाली छोड़ दी थी. वहीं, परीक्षा के बाद उनकी ओएमआर आंसर शीट में सही आंसर शीट पर सही नंबर बढ़ाए गए.