वाशिंगटन: अमेरिका में महंगाई के आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गई है जिससे यह माना जा रहा है कि देश मुद्रास्फीति के दबाव से उबर रहा है, जिसकी वजह से विकास की रफ्तार धीमी हो रही थी। अमेरिकी श्रम विभाग ने गुरुवार को बताया कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति (Consumer Inflation) एक साल पहले की तुलना में अक्टूबर में 7.7 फीसदी रही।
साल-दर-साल के आधार पर अगर कहें तो जनवरी में इसमें सुधार सबसे मामूली था। अस्थिर खाद्य और ऊर्जा कीमतों को छोड़कर, “मूल” मुद्रास्फीति पिछले 12 महीनों में 6.3 प्रतिशत और सितंबर से 0.3 प्रतिशत बढ़ी।
जैसा कि अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया था, ये आंकड़े उससे भी कम हैं। यहां तक कि पिछले महीने मुद्रास्फीति में हुए सुधार के बावजूद इस बात की पूरी उम्मीद थी कि फेडरल रिजर्व लगातार बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाना जारी रखेगा।
हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि बाजार में नकदी के प्रवाह को काबू में करने के लिए फेड की आक्रामक नीति की वजह से अगले साल कहीं मंदी ना आ जाए।
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इस साल अब तक, फेड अपनी बेंचमार्क ब्याज दर को छह बार बढ़ा चुका है वो भी बड़े अनुपात में। जिसकी वजह से मॉरगेज, वाहनों की खरीद व अन्य महंगे खर्चों के लिए लोन लेना जोखिम भरा हो गया है, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर भी धकेल सकता है।
मंगलवार को समाप्त हुए मध्यावधि कांग्रेस के चुनावों में कई मतदाताओं के दिमाग में महंगाई का मुद्दा सबसे ऊपर था।
उनकी आर्थिक चिंताओं की वजह से प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट्स को सीटों का नुकसान हुआ, हालांकि रिपब्लिकन भी उस बड़े राजनीतिक लाभ को हासिल करने में विफल रहे, जिसकी कई लोगों को उम्मीद थी।
गुरुवार के आंकड़ों से पहले ही, कुछ उपायों से मुद्रास्फीति कम होने लगी थी और आने वाले महीनों में यह जारी रह सकती है।