नोएडा। सुपरटेक के चार निदेशकों पर अब विजिलेंस का शिकंजा कसने जा रहा है। इसके संकेत नोएडा प्राधिकरण कार्यालय से मिलने लगे है। विजिलेंस ने सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट से संबंधित सभी दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया है। एक-एक कर निदेशकों से पूछताछ शुरू हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सेक्टर-93 स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर (एपेक्स-सियान) को बनाने के लिए अनुचित तरीके से अनुमति देने और मानचित्र को स्वीकृत करने के कारण टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। शासन के निर्देश पर स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने नोएडा प्राधिकरण के 24 अधिकारी, दो आर्किटेक्चर कंपनी और चार सुपरटेक के निदेशकों को दोषी मानते हुए रिपोर्ट तैयार की थी। इसके आधार पर शासन ने लखनऊ विजिलेंस में सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।
जुटाई जा रही सुपरेटक निदेशकों से संबंधित जानकारी
नोएडा प्राधिकरण से अधिकारियों व कर्मचारियों के दस्तावेज हासिल करने के बाद अब सुपरटेक निदेशकों से संबंधित जानकारी जुटाई जा रही है। इन सभी से विजिलेंस पूछताछ करेगी। सुपरटेक ट्विन टावर मामले में लखनऊ विजिलेंस ने नोएडा प्राधिकरण पहुंचकर ट्विन टावर और एमराल्ड के मानचित्र से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल की है।
24 अधिकारियों के साथ 4 पदाधिकारी बने हैं आरोपी
विजिलेंस में करीब 11 माह पहले नोएडा प्राधिकरण ने एसआइटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर चार अक्टूबर 2021 एफआइआर दर्ज कराई थी। इसमें 24 अधिकारियों के अलावा सुपरटेक बिल्डर के चार पदाधिकारियों को आरोपी बनाया था।
इन अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस में दर्ज है एफआइआर
विजिलेंस ने इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ मोहिंदर सिंह, एसके द्विवेदी, एसीईओ आरपी अरोड़ा, ओएसडी यशपाल सिंह त्यागी, सहयुक्त नगर नियोजक ऋतुराज व्यास, नगर नियोजक एके मिश्रा, वरिष्ठ नगर नियोजक राजपाल कौशिक, मुख्य वास्तुविद त्रिभुवन सिंह, उप महाप्रबंधक शैलेंद्र कैरे, परियोजना अभियंता बाबू राम, प्लानिंग असिस्टेंट टीएन पटेल,वीए देव पुजारी मुख्य वास्तुविद, अनीता प्लानिंग असिस्टेंट , मुकेश गोयल, प्रवीण श्रीवास्तव, ज्ञान चंद , राजेश कुमार , विमला सिंह , विपिन गौड़ , एमसी त्यागी, केके पांडे, पीएम बाथम, एसी सिंह शामिल है।
शासन चार को कर चुका अब तक निलंबित
इस मामले में नोएडा प्राधिकरण से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्लानिंग मैनेजर मुकेश गोयल, नोएडा प्राधिकरण की प्लानिंग असिस्टेंट विमला सिंह, यूपीएसआइसीसी में तैनात प्लानिंग असिस्टेंट अनीता व यमुना प्राधिकरण के प्रभारी जीएम प्लानिंग ऋतुराज हैं। इन चारों को शासन स्तर से निलंबित किया जा चुका है।
आरोप पत्र भी जारी किया जा चुका
प्राधिकरण की विभागीय जांच में 11 कर्मचारियों के साथ नियोजन विभाग के सीएपी रहे त्रिभुवन सिंह, वीए देवपुजारी, वरिष्ठ नगर नियोजक राजपाल कौशिक, नगर नियोजक अशोक कुमार मिश्रा, परियोजना अभियंता बाबू राम, ग्रुप हाउसिंग विभाग के एजीएम शैलेंद्र कैरे व वित्त नियंत्रक एसी सिंह शामिल हैं जिनको आरोप पत्र जारी किया हैं।