नई दिल्ली: दुनिया में जारी लेऑफ के बीच अब ब्रिटिश टेलीकॉम दिग्गज वोडाफोन ने भी अपने कर्मचारियों के लिए बुरी खबर जारी की है।
वोडाफोन ने कहा कि कंपनी अगले तीन वर्षों में 11,000 नौकरियों में कटौती करेगी। कंपनी के नए मुख्य कार्यकारी मार्गेरिटा डेला वैले एक “सरल” संगठन चाहते हैं। उनका कहना है कि कंपनी ने नए वित्तीय वर्ष में बहुत कम कमाई की है।
10 फीसदी से अधिक लोगों की जाएगी नौकरी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वोडाफोन के द्वारा होने वाली इस मास लेऑफ का असर 10 फीसदी यानी कंपनी के ग्लोबल वर्कफोर्स के 11,000 कर्मचारियों पर होगा। कंपनी ने पिछले साल भी 104,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था।
मूल बातों पर फिर से ध्यान केंद्रित करेगी कंपनी
वोडाफोन की नई सीईओ मार्गेरिटा डेला वैले ने कहा कि मेरी प्राथमिकताएं ग्राहक, सरलता और विकास हैं। डेला ने कहा कि प्रतिस्पर्धा को फिर से हासिल करने के कंपनी में मौजूद जटिलता को कम करने की जरूरत है। कंपनी ने कहा कि अपने उपभोक्ता बाजारों को जीतने के लिए, वह मूल बातों पर फिर से ध्यान केंद्रित करेगी और अपने ग्राहकों की अपेक्षा “सरल और अनुमानित अनुभव” प्रदान करेगी।
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वोडाफोन का एक्शन प्लान
वोडाफोन ने कहा कि कंपनी का एक्शन प्लान तीन प्राथमिकताओं पर केंद्रित है सबसे पहले आने वाले वित्त वर्ष में ग्राहक का अनुभव और ब्रांड के लिए महत्वपूर्ण निवेश करना है। दूसरा अगले तीन वर्षों में 11,000 नौकरियों में कटौती करनी है और तीसरा जर्मनी टर्नअराउंड योजना के आधार पर प्राइस एक्शन और स्पेन में रणनीतिक समीक्षा करना है।
भारत में वोडाफोन का हाल
वर्तमान समय में देश में वोडाफोन का खस्ताहाल चल रहा है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल के 5G आने के लगभग सात महीने के बाद भी अभी तक वोडाफोन-आईडीया अपने ग्राहकों के लिए 5G लॉन्च नहीं कर पाई है।
देश में वोडाफोन पहले अकेले ऑपरेट करती थी लेकिन भारत में हुए घाटे के बाद साल 2018 में वोडाफोन ने आईडीया के साथ पार्टनरशिप कर एक कंपनी “वी” (VI) बनाया था। आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में कंपनी के शेयर की कीमत में भारी गिरावट के चार साल के कार्यकाल के बाद निक रीड ने पद छोड़ दिया था जिसके बाद मार्गेरिटा डेला वैले ने सीईओ के रुप में पदभार संभाला था।