नोएडा। दिल्ली-नोएडा को सीधे जोड़ने वाली 12 साल पुरानी एलिवेटेड रोड योजना पर 13 प्रतिशत ही काम हो सका है। यह परियोजना 50:50 के तर्ज पर तैयार होनी थी। जिसमें 50 प्रतिशत राशि नोएडा प्राधिकरण जबकि 50 प्रतिशत शासन से खर्च किया जाना है।
इसका शिलान्यास 25 जनवरी 2019 को किया गया था, वहीं जनवरी 2020 में निर्माण शुरू हुआ। 13 बार प्राधिकरण ने शासन को रिमाइंडर भी दिया, लेकिन अब तक पैसा नहीं मिल सका। ऐसे में सवाल उठता है कि जब शासन स्तर से पैसा रिलीज नहीं किया जा रहा था, तो काम शुरू क्यों कराया गया।
नोएडा प्राधिकरण की ओर से 75 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इस काम पर खर्च की जा चुकी है। अब पैसा देने के लिए शासन ने तमाम शर्ते प्राधिकरण के सामने रख दी हैं। उधर नई अड़चन एलिवेटेड निर्माण संस्था सेतु निगम के प्रबंध निदेशक ने परियोजना की लागत 265 करोड़ रुपये बढ़ा दी है और प्राधिकरण को पत्र भी भेज दिया है।
ऐसे में परियोजना की कुल लागत करीब 870 करोड़ हो जाएगी। अब अंतिम निर्णय लेने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लिया जाएगा। फिलहाल इसका निर्माण 605 करोड़ 32 लाख रुपये में होना है।
कई बार शुरू होकर रोक दिया गया है निर्माण
अब तक चिल्ला एलिवेटेड रोड का काम चार बार बंद हो चुका है। वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर के कारण करीब चार-पांच माह काम बंद रहा था। उसी वर्ष प्रदूषण की रोकथाम के लिए नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के कारण भी करीब दो माह काम बंद रहा। वर्ष 2020 नवंबर में काम बंद होने पर अक्टूबर 2021 में काम शुरू हुआ था। अब चौथी बार फिर काम बंद हो गया।
दिसंबर 2021 तक शुरू होनी थी रोड
यह एलिवेटेड रोड पूरी तरह से दिसंबर 2021 तक बनकर तैयार हो जाना चाहिए था। अधिकारियों ने इसके काम शुरू होने पर दावा किया था कि पहले चरण में सितंबर 2021 तक महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर-18 तक और दूसरे चरण में पूरा एलिवेटेड रोड पर दिसंबर 2021 तक वाहन चलने शुरू हो जाने थे।
10 लाख लोगों को होगा फायदा
ये एलिवेटेड रोड चिल्ला बार्डर से होते हुए महामाया फ्लाईओवर के पास एक्सप्रेस-वे तक बननी है। ऐसे में दिल्ली से नोएडा आने वाले प्रतिदिन 10 लाख वाहन, जिन्हें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा एक्सप्रेस-वे जाना है, वे इसका प्रयोग कर सकते थे। इसके बाद उन्हें चिल्ला बार्डर पर रेडलाइट और आगे जाम नहीं झेलना पड़ता।
शासन ने लगा दी यह शर्त
हाल ही में पैसा देने के लिए शासन ने कुछ शर्ते रखी हैं। इसके तहत इसके लिए नोएडा प्राधिकरण को मूल्यांकन समिति, व्यय वित्त समिति व यूपी कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी, तभी शासन पैसा देना शुरू करेंगे। इस बारे में प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि यह सब मंजूरी लेना लोक निर्माण विभाग या सेतु निगम का काम है।
एलिवेटेड परियोजना की स्थिति
– 06 लेन का होगा एलिवेटेड रोड
– 5.96 किलोमीटर लंबा होगा एलिवेटेड रोड
– 605 करोड़ 32 लाख में होना है इसका निर्माण